tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post2589002016980906930..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: जैसे दूर देश के टावर में-गुलालUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger71125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-20413709865563605022009-04-13T15:54:00.000-04:002009-04-13T15:54:00.000-04:00समीक्षा पढने के बाद मैं कुश की टिपण्णी ढूंढ़ रहा थ...समीक्षा पढने के बाद मैं कुश की टिपण्णी ढूंढ़ रहा था क्योंकि मिला जुला के मुझे भी बुरी नहीं लगी थी.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-26975680239685729222009-04-11T12:51:00.000-04:002009-04-11T12:51:00.000-04:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Vikas Sarthihttps://www.blogger.com/profile/07082318688348696490noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-90933376379214822922009-04-11T12:50:00.000-04:002009-04-11T12:50:00.000-04:00"फिल्में देश और काल के मद्दे नज़र न बनें तो जादू दे..."फिल्में देश और काल के मद्दे नज़र न बनें तो जादू देखना ज्यादा श्रेयकर होगा. संपूर्ण तिल्समि दुनिया. क्या आधा अधूरा देखना."Vikas Sarthihttps://www.blogger.com/profile/07082318688348696490noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-27479791038127566542009-04-06T05:25:00.000-04:002009-04-06T05:25:00.000-04:00अच्छी लेखनी....पड़कर बहुत खुशी हुई / हिन्दी मे टाइ...अच्छी लेखनी....पड़कर बहुत खुशी हुई / हिन्दी मे टाइप करनेकेलिए आप कौनसी टूल यूज़ करते हे / रीसेंट्ली मे एक यूज़र फ्रेंड्ली इंडियन लॅंग्वेज टाइपिंग टूल केलिय सर्च कर रहा ता, तो मूज़े मिला " क्विलपॅड " / आप भी इसीका इस्तीमाल करते हे क्या ?<BR/><BR/>सुना हे की "क्विलपॅड ", गूगलेस भी अच्छी टाइपिंग टूल हे ? इसमे तो 9 इंडियन भाषा और रिच टेक्स्ट एडिटर भी हे / क्या मूज़े ये बताएँगे की इन दोनो मे कौनसी हे यूज़र फ्रेंड्ली....?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-69571418223631843182009-04-05T09:32:00.000-04:002009-04-05T09:32:00.000-04:00कभी भारतीय फिल्में समाज को सही राह दिखाने के लिए ल...कभी भारतीय फिल्में समाज को सही राह दिखाने के लिए लिए मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहण किया करती थी,लेकिन आज इस से बढकर समाज का पथभ्रष्टक अन्य कोई माध्यम नहीं होगा.Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-69115167091001834012009-04-05T08:46:00.000-04:002009-04-05T08:46:00.000-04:00ब्लोगर्स की फिलिम बनाइये, हमें भी कास्ट में लेना.....ब्लोगर्स की फिलिम बनाइये, हमें भी कास्ट में लेना... आपकी पुस्तक प्रकाशित होने पर बधाई...sandeep sharmahttps://www.blogger.com/profile/00396307376371645302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-28240842803388797592009-04-05T03:26:00.000-04:002009-04-05T03:26:00.000-04:00समीर जी,वैसे फिल्म तो नही देखी,लेकिन समीक्षा पढ़ कर...समीर जी,वैसे फिल्म तो नही देखी,लेकिन समीक्षा पढ़ कर लगने लगा है कि शायद फिल्म देख कर भी इतना मजा नही आता जितना आपकी समीक्षा पढ़ कर आया है।बहुत बढिया समीक्षा की है।और आपका बहुत बहुत धन्यवाद,फिल्म के पैसे बचवानें के लिए।;)परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-78887041429126395172009-04-05T02:21:00.000-04:002009-04-05T02:21:00.000-04:00ऐसे देश में जहाँ की एक बहुसंख्यक आबादी अपने आपका अ...ऐसे देश में जहाँ की एक बहुसंख्यक आबादी अपने आपका असतित्व बचाये रखने के लिए मुखौटा लगाये घूम रही हो. वहाँ चेहरे पर गुलाल पोत कर, भले ही सांकेतिक, एक रंग होना न जाने किस आशय और मकसद की पूर्ति कर रहा है, यह समझ पाना मुश्किल सा रहा. <BR/><BR/>What an idea sir ji!!!दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-12472654787787379152009-04-05T01:01:00.000-04:002009-04-05T01:01:00.000-04:00यह कौन सी फिल्म है??सुनी ही नहीं..खैर , bloggers ...यह कौन सी फिल्म है??<BR/>सुनी ही नहीं..<BR/>खैर , bloggers की फिल्म बनाते बनाते रह गए..रुकमनी कहाँ से आई?कहाँ गयी??<BR/>पियूष मिश्रा जी ऐसे गीत भी लिखते हैं!घोर कलयुग है!Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-29561242573896175072009-04-04T22:08:00.000-04:002009-04-04T22:08:00.000-04:00मजा आ गया समीर जी।मजा आ गया समीर जी।Sushil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/09252023096933113190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-73782025522814091072009-04-04T11:44:00.000-04:002009-04-04T11:44:00.000-04:00फ़िल्म के बारे में तो आप से ही सुना, नाम भी नहीं सु...फ़िल्म के बारे में तो आप से ही सुना, नाम भी नहीं सुना हुआ था। हम तो ब्लोगर्स फ़िल्ल्ल्म देखने को झट से पॉपकॉर्न ले आये, एक पॉपकॉर्न मुंह में डाला ही था तो देखा यहां तो सब को मार ही दिया और कोई अलते भलते पैदा कर दिये। अब आइडिया आ ही गया है तो बना ही डालिए एक और 'सरकार' आप अमिताभ के रोल में बहुत अच्छे लगेगें। तख्त पर लेटे लेटे पूछेगें अबे फ़ुरसतिया ये राजपुताना का क्या किस्सा है, पृथ्वीराज चौहान फ़िर कोई लफ़ड़ा किए क्या? फ़ुरसतिया जी कहेगें 'बाबा अभी पता करने की फ़ुरसत किधर है, चुनाव सर पर है और अपना चुनाव प्रचार करने वाला कोई नहीं, पहले वो मामला सुलटा लें'पिक्चर अभी चालू है मेरे दोस्त्…:)Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-77820057486041135402009-04-04T10:33:00.000-04:002009-04-04T10:33:00.000-04:00par ek tabka hai jise yeh picture bahut pasand aay...par ek tabka hai jise yeh picture bahut pasand aayee, youtube par iska trailor dekhe, young generation likes this kind of absive and provocative stuff.Gaurav Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/09534087790784177439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-13112222442069990102009-04-04T08:56:00.000-04:002009-04-04T08:56:00.000-04:00अच्छा विश्लेषण किया है . आजकल की फिल्म अधिकतर मसाल...अच्छा विश्लेषण किया है . आजकल की फिल्म अधिकतर मसाला ही होती है . पढ़कर आनंद आ गया . काफी देर से आपकी पोस्ट का अवलोकन किया है . जब से टी.वी. का आगाज हुआ है मैंने फिल्म सिनेमा हाँल में देखना छोड़ दिया है कल मुलाकात होगी . . बहुत बढ़िया पोस्ट आभार.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-11535857942408281992009-04-04T06:34:00.000-04:002009-04-04T06:34:00.000-04:00दिलचस्प समीक्षा, आपकी समीक्षाए तो फिल्म देखने को प...दिलचस्प समीक्षा, आपकी समीक्षाए तो फिल्म देखने को प्रेरित ही करती है.Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-7108331406871231182009-04-04T05:18:00.000-04:002009-04-04T05:18:00.000-04:00Aapne to yahi pe hi free mai movie dikha di...itni...Aapne to yahi pe hi free mai movie dikha di...itni achhi samikshaa ke sath...ab dobaara dekhne ka mood nahi hai...Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-71275059725873923922009-04-04T02:52:00.000-04:002009-04-04T02:52:00.000-04:00मजेदार।मजेदार।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-43516319478782159942009-04-04T02:06:00.000-04:002009-04-04T02:06:00.000-04:00गुलाल एक बेहतरीन फिल्म है ...कई लोगों की मेहनत है ...गुलाल एक बेहतरीन फिल्म है ...कई लोगों की मेहनत है उसमें <BR/><BR/><BR/><A HREF="http://anilkant.blogspot.com/2009/04/blog-post_03.html" REL="nofollow">मेरा अपना जहान </A>अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-39629921683331802362009-04-03T16:55:00.000-04:002009-04-03T16:55:00.000-04:00गुलाल, ये फिल्म से ज्यादा है। फिल्म के बारे में जो...गुलाल, ये फिल्म से ज्यादा है। फिल्म के बारे में जो भी आपने लिखा उसको पढ़ने के बाद मैं ये लिखने बैठ रहा हूं रात के २.३० बज रहे हैं, सुबह तक पोस्ट डाल दूंगा। बस एक आग्रह है कि अन्यथा ना लीजिएगा। छोटा हूं ये भी ध्यान रखिएगा। पर, <BR/>पहली बार में मैं आप से सहमत नहीं हूं।Nitish Rajhttps://www.blogger.com/profile/05813641673802167463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-10424220897641555332009-04-03T14:31:00.000-04:002009-04-03T14:31:00.000-04:00समीर जी हम ने तो हिन्दी िल्म को नींद की दवा घोषित ...समीर जी हम ने तो हिन्दी िल्म को नींद की दवा घोषित कर रखा है, कभूई अजमा कर देख ले, जिस दिन नींद ना आये आप नयी हिन्दी फ़िल्म देखना शुरु कर दे... झट से नींद आ जायेगी..<BR/>आप ने अच्छी समीक्षा की है.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-27592107383501421922009-04-03T10:58:00.000-04:002009-04-03T10:58:00.000-04:00फिल्में तो मैं भी अमूमन कम ही देखता हूँ पर पीयूष म...फिल्में तो मैं भी अमूमन कम ही देखता हूँ पर पीयूष मिश्रा की वज़ह से देखने जा पहुँचा।<BR/>मुझे फिल्म में अधिकांश कलाकारों के अभिनय और पीयूष मिश्रा के गीतों ने प्रभावित किया। फिल्म का उत्तरार्ध खासकर क्लाइमेक्स उतना रुचा नहीं।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-8682968301208860032009-04-03T10:38:00.000-04:002009-04-03T10:38:00.000-04:00अच्छा हुआ आपने बता दिया, वरना हम तो इस सन्डे को जा...अच्छा हुआ आपने बता दिया, वरना हम तो इस सन्डे को जाने वाले थे...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-8657985093961792732009-04-03T09:49:00.000-04:002009-04-03T09:49:00.000-04:00ऐसी चाटू फिल्म बड़े दिनों के बाद देखी.निर्देशक दिख...ऐसी चाटू फिल्म बड़े दिनों के बाद देखी.<BR/>निर्देशक दिखाना क्या चाहता था ये अंत तक समझ नहीं आया.Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-36450407603879689852009-04-03T09:29:00.000-04:002009-04-03T09:29:00.000-04:00वाह फिल्म देखे बिना ही फिल्म देखने का असीम आनंद प्...वाह फिल्म देखे बिना ही फिल्म देखने का असीम आनंद प्राप्त हुआ , कुछ बातो को आप ने अधुरा ही छोड़ दिया एक सस्पेंस की तरह .आलोक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/00082633138533183604noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-51949715952651377852009-04-03T09:26:00.000-04:002009-04-03T09:26:00.000-04:00ऐसे देश में, जो खुद ही अभी विखंडित होने की मांग से...ऐसे देश में, जो खुद ही अभी विखंडित होने की मांग से आये दिन जूझता हो, कभी खालिस्तान, तो कभी गोरखालैण्ड तो कभी आजाद कश्मीर, इस तरह का एक और बीज बोना, आजाद राजपूताना, जिसकी अब तक सुगबुगाहट भी न हो, क्या संदेश देता है? क्या वजह आन पड़ी यह उकसाने की-समझ से परे ही रहा.<BR/>इस तरह सुगबुगाहट फैलाने वाली फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दिया समझ से परे है !Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-13421116693737642932009-04-03T08:54:00.000-04:002009-04-03T08:54:00.000-04:00आपने बहुत ही उन्दा सवाल किया है कि राजपुताना राज्य...आपने बहुत ही उन्दा सवाल किया है कि राजपुताना राज्य की हवा देना,कहा कि अक्लमन्दी है.वैसे ही देश समय समय पर प्रांतवाद से जुझता रहा है उसपर से एक और राजपुताना राज्य आर्ट फिल्म के नाम पर हिंसा और विघटन को फैलना, यह कला नही सिर्फ हिंसा लगती है.अगर दुसरे रुप से फिल्म को देखे तो फिल्म मे आज का सच भी दिखता है.आज मनुश्य के कोमल भावनाये मर गयी है उसकी जगह आज हिंसा ले चुकी है.<BR/><BR/>चाहे वह प्यार की हिंसा हो या अन्य सवेदनाओ का.संध्या आर्यhttps://www.blogger.com/profile/12304171842187862606noreply@blogger.com