tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post1927011539187072875..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: निर्लज्ज संगीत..और...Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger65125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-9516725818404851852011-07-07T06:35:17.091-04:002011-07-07T06:35:17.091-04:00Pooja Goswami to me
कारखाने के वापस आते मजदूर
अप...Pooja Goswami to me<br /><br />कारखाने के वापस आते मजदूर <br />अपने बसेरों की तरफ जाते पंछी <br />धूल में सने <br />दिन भर खेल कर <br />लौटते गांव के बच्चे <br /><br />बहुत सुंदर....Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89724818485703380732011-06-09T05:57:44.057-04:002011-06-09T05:57:44.057-04:00देखता हूँ रेलगाड़ी के डिब्बे की
खिड़की से झाँक
घर लौ...देखता हूँ रेलगाड़ी के डिब्बे की<br />खिड़की से झाँक<br />घर लौटते<br />सूरज को<br />साईकिल पर सवार<br />कारखाने के वापस आते मजदूर<br />अपने बसेरों की तरफ जाते पंछी <br />श्रीमान कविताएँ गहरी सोच बहुत आसानी के साथ लिए हुए हैं जिसे कविता से लगाव नही उस तक भी रही हैं .सरल-सरस-सुंदर .शुक्रियाrafathttps://www.blogger.com/profile/17913615512440685516noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-82595701809244390082011-06-08T22:20:20.853-04:002011-06-08T22:20:20.853-04:00वाह! बेहतरीन अभिव्यक्ति... शब्द दिल को छू गए!!!वाह! बेहतरीन अभिव्यक्ति... शब्द दिल को छू गए!!!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-57274256782391184322011-06-08T20:04:50.500-04:002011-06-08T20:04:50.500-04:00साईकिल पर सवार
कारखाने के वापस आते मजदूर
अपने बस...साईकिल पर सवार <br />कारखाने के वापस आते मजदूर <br />अपने बसेरों की तरफ जाते पंछी <br />धूल में सने <br />दिन भर खेल कर <br />लौटते गांव के बच्चे....<br />antrman se upji ye rachna dil ko bahut bhaiii...aabhaar..Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62301532512994568942011-06-08T16:02:39.899-04:002011-06-08T16:02:39.899-04:00एम आर आई मशीन के भीतर कैद हो उसका संगीत सुनना सच म...एम आर आई मशीन के भीतर कैद हो उसका संगीत सुनना सच में भयावह होता है. डॉ लगता है अभी दमे का दौरा पड़ेगा या खांसी या छींक आएगी.<br />चाँद शायद लेट लतीफ है.<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-62332675522115877152011-06-08T15:16:40.308-04:002011-06-08T15:16:40.308-04:00आप अभी जिंदगी के महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं। फिक्र मत...आप अभी जिंदगी के महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं। फिक्र मत कीजिए। अभी से जाती हुई चीजें नहीं बल्कि आती हुई चीजें देखिए। शाम को नहीं सुबह निकलकर देखिए। रेलगाड़ी के डिब्बों को नहीं इंजन को देखिए। लौटते सूरज को नहीं उगते हुए सूरज को देखिए। बसेरों को वापस जाते पंक्षियों को नहीं सुबह अपने लक्ष्य की ओर जाते पंक्षियों को देखिए। खेल कर लौटते बच्चे नहीं सुंदर सजधज कर खेल की मैदान में जाते बच्चों को देखिए। <br />बाकी आप समझ ही गए होंगे। <br />और हां... जेल जाने से डरने लगा हूं। पता चला है कि पुलिस पकड़ नहीं रही बल्कि मार रही है, आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। लाठियां भांज रही है। और कहीं से पकड़कर कहीं पहुंच रही है वह भी हवाई जहाज से। कपड़े भी उतर ले रही है। पुलिस का नजरिया बदले तो सोचता हूं। फिलहाल कैंसल।पंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-48101395087990746752011-06-08T14:07:58.596-04:002011-06-08T14:07:58.596-04:00कुछ राहत पा सकूँ
शायद!!
इसे पा जाने की जद्दोजहद ...कुछ राहत पा सकूँ<br />शायद!! <br /><br />इसे पा जाने की जद्दोजहद में ही तो ज़माना जिया जा रहा है। <br /><br />अहा क्या कहना लाल साहब!बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-21481133115907786552011-06-08T07:20:11.543-04:002011-06-08T07:20:11.543-04:00खूबसूरत कविता... बहुत सुन्दरखूबसूरत कविता... बहुत सुन्दरसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-55973349173687293992011-06-08T07:10:39.410-04:002011-06-08T07:10:39.410-04:00सुन्दर कविता अंकल जी..आजकल आपकी उड़नतश्तरी नहीं दि...सुन्दर कविता अंकल जी..आजकल आपकी उड़नतश्तरी नहीं दिख रही है.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-64673378262355900642011-06-07T22:03:09.387-04:002011-06-07T22:03:09.387-04:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-35832254831775983312011-06-07T22:03:08.826-04:002011-06-07T22:03:08.826-04:00बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर,
वादी में ग...बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर,<br />वादी में गूंजती हुई खामोशियां सुनें,<br />आंखों में भीगे भीगे से लम्हे लिए हुए...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-85179326511181112702011-06-07T16:00:40.474-04:002011-06-07T16:00:40.474-04:00शांति को भंग करती
निर्लज्ज संगीत की
धुन!!
चाँद....शांति को भंग करती<br /><br />निर्लज्ज संगीत की<br /><br />धुन!!<br /><br />चाँद... पूछना चाहता हूँ <br />उससे मैं <br />सबके घर लौटते वक्त <br />उसके आने का सबब खुद को कुछ <br />समझा सकूँ <br />शायद!!! कुछ राहत पा सकूँ <br />dono hi sundar rachna .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-827394145326208172011-06-07T14:13:08.022-04:002011-06-07T14:13:08.022-04:00बहुत बढिय़ा सर।
आपका एक व्यंग्य लेख
'चलो दिल्...बहुत बढिय़ा सर। <br />आपका एक व्यंग्य लेख <br />'चलो दिल्ली में ही सेटल हो जाएं'<br />पंजाब केसरी में भी पढऩे को मिला।रवि धवनhttps://www.blogger.com/profile/04969011339464008866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-22557342855149576892011-06-07T13:42:40.047-04:002011-06-07T13:42:40.047-04:00गहन चिंतन लिए ...सम्पूर्ण अभिव्यक्तिगहन चिंतन लिए ...सम्पूर्ण अभिव्यक्ति डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-58582224768416146952011-06-07T11:03:27.271-04:002011-06-07T11:03:27.271-04:00डायरेक्ट दिल से...डायरेक्ट दिल से...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-50431533712538443392011-06-07T10:34:50.205-04:002011-06-07T10:34:50.205-04:00पूछना चाहता हूँ
उससे मैं
सबके घर लौटते वक्त
उसक...पूछना चाहता हूँ <br />उससे मैं <br />सबके घर लौटते वक्त <br />उसके आने का सबब<br /><br />खुद को कुछ <br />समझा सकूँ <br />शायद!!!<br /><br />कुछ राहत पा सकूँ <br />शायद!!....<br /><br />बेहतरीन प्रस्तुति...मन को उद्वेलित करती बहुत मर्मस्पर्शी रचना...आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14412658577310714982011-06-07T10:01:06.332-04:002011-06-07T10:01:06.332-04:00दोनों ही कविताएं मन के उद्वेलन की बखूबी अभिव्यक्ति...दोनों ही कविताएं मन के उद्वेलन की बखूबी अभिव्यक्ति हैं...बहुत सुन्दर...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-74015230863574825452011-06-07T09:51:18.757-04:002011-06-07T09:51:18.757-04:00हाँ कभी कभी इन्सान ऐसे ही सवाल पूछ्क़ता है जिनके जव...हाँ कभी कभी इन्सान ऐसे ही सवाल पूछ्क़ता है जिनके जवाब नही मिलते बहुत भावमय रचना। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-77287968867471732852011-06-07T05:02:24.021-04:002011-06-07T05:02:24.021-04:00वाह...
मर्मस्पर्शी...वाह...<br /><br />मर्मस्पर्शी...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-5493023411222050402011-06-07T04:23:16.356-04:002011-06-07T04:23:16.356-04:00कुछ उदासी की परत लिए ..... समीर भाई सब कुछ कुशल मं...कुछ उदासी की परत लिए ..... समीर भाई सब कुछ कुशल मंगल तो है ....आशा है भाभी बच्चे ठीक होंगे ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-19430465684773843612011-06-07T04:20:28.399-04:002011-06-07T04:20:28.399-04:00बहुत सुन्दर कविता अंकल जी...बहुत सुन्दर कविता अंकल जी...Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-16854915913409450212011-06-07T03:25:55.926-04:002011-06-07T03:25:55.926-04:00सुंदर अभिव्यक्ति।सुंदर अभिव्यक्ति।मेरे भावhttps://www.blogger.com/profile/16447582860551511850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-28063875844282993442011-06-07T03:25:44.716-04:002011-06-07T03:25:44.716-04:00Bahut hi khubsurat sir ji.Bahut hi khubsurat sir ji.Ravi Rajbharhttps://www.blogger.com/profile/16224660000339492496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-47184495580184440542011-06-07T03:00:18.008-04:002011-06-07T03:00:18.008-04:00गागर में सागर जैसा कैसे भरते हैं आप?
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बाब...गागर में सागर जैसा कैसे भरते हैं आप?<br />---------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">बाबूजी, न लो इतने मज़े... </a><br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">भ्रष्टाचार के इस सवाल की उपेक्षा क्यों?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-82211086753813375682011-06-07T02:39:14.481-04:002011-06-07T02:39:14.481-04:00समीर जी .. बहुत सुन्दर कविता ..एक तो निर्लज्ज संगी...समीर जी .. बहुत सुन्दर कविता ..एक तो निर्लज्ज संगीत पर और दुसरी गाँव घर को यात्रा में सूरज चाँद के साथ महसूस करना ...बेहद सुन्दर... उम्दाडॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.com