tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post116373004391348613..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: सबको 'तरकश' सलामUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163867177507777552006-11-18T11:26:00.000-05:002006-11-18T11:26:00.000-05:00समीर जी,भैया जी, ख़्वाबों की रानियाँ बड़ी ख़तर्नाक हो...समीर जी,<BR/><BR/>भैया जी, ख़्वाबों की रानियाँ बड़ी ख़तर्नाक होती हैं। कहीं ख़्वाब से निकल के आ गई तो साधना जी को क्या बताओगे। कहीं सोते सोते उसका नाम बुदबुदा दिया तो क्या होगा? "राही राही सँभल सँभल पद धरना" पंकज आप के भले की बात कर रहे हैं। मस्ती लेते रहो, नहीं तो जीने का मज़ा ही क्या है।Laxmihttps://www.blogger.com/profile/01605651550165016319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163796634189840172006-11-17T15:50:00.000-05:002006-11-17T15:50:00.000-05:00Devnagri mein na likhne ke liye kshmaa prarthi hoo...Devnagri mein na likhne ke liye kshmaa prarthi hoon.<BR/><BR/>Kal ek mitr ne youtube per ek kavi sammelan ka link forward kiya tha.<BR/><BR/>Khol ker dekhne laga to aapko kavita padhte dekh ker man atyant prasann ho gaya.<BR/><BR/>Mein vyastata ke kaaran agle 2 mahine tak Hindi blogging ko stahgit kar raha hoon. <BR/><BR/>Per aap sabke (Bengani brothers, Jitu, fursatiaji, aur narad ke sabhi chithhon) chithhon ko niymit roop se padhta hoon.<BR/><BR/>Is gurutar karya mein apna yogdan dene ke liye aap sabhi to sadhuvaad.<BR/><BR/>Neeraj,Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163784898181723772006-11-17T12:34:00.000-05:002006-11-17T12:34:00.000-05:00तरकश सलाम चौकस सलाम या सहारा प्रणाम की तरह लगता है...तरकश सलाम चौकस सलाम या सहारा प्रणाम की तरह लगता है-करे रहो समीर भाई.अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163778971581044722006-11-17T10:56:00.000-05:002006-11-17T10:56:00.000-05:00आपकी हँसाती तो कभी गुदगुदाती ये प्रविष्टि बेहद पसं...आपकी हँसाती तो कभी गुदगुदाती ये प्रविष्टि बेहद पसंद आई ! :)Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163772619568920082006-11-17T09:10:00.000-05:002006-11-17T09:10:00.000-05:00अरे भाई साहेब क्या आज उठते ही मेरी तस्वीर का दर्शन...अरे भाई साहेब क्या आज उठते ही मेरी तस्वीर का दर्शन हो गया था क्या , नही तो इतनी दुर्गती नही हो सकती थी<BR/>अगर यही हुआ है तो मैं पंकज को बोलता हु की भांजे सुबह सुबह एक भले मानुष कि ऐसी दुर्गती नही करते , उस पिड़ा को तुम क्या जानो जब किसी कि लाल बती कि गाड़ी छीन जाती है (विश्वास नही होता तो हमारे अटल जी से पुछो)<BR/>वैसे ये कलयुगी भांजे मेरे जैसे सत्युगी मामा की बात सुनेंगे लगता तो नही ।<BR/>क्या करु आपको तो सांतवना देना मै अपना परम कृत्वय समझा इसलिये आपको ही लिखने मे भलै समझी पंकज को बोलकर अपनी दुर्गती नही कर्वनी है<BR/><BR/>आपका शुभचिंतक (अपने मियाँ मिठू बनने मे क्या हर्ज है<BR/><BR/>मनोज सेखानीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163762112308103722006-11-17T06:15:00.000-05:002006-11-17T06:15:00.000-05:00सुबह जैसे ही आप को छोडा तो फ़ौरन पंकज मिल गये, अब ज...सुबह जैसे ही आप को छोडा तो फ़ौरन पंकज मिल गये, अब जब आपने कह ही दिया था कि बेचारे की क्लास मत लेना , बडा क्यूट बच्चा है , तो भाई छोड दिया । अगर दोबारा कोई आपकी शान मे गुस्ताखी करे तो बताइयेगा.....एक-2 को देख लूगाँ :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163751503529308472006-11-17T03:18:00.000-05:002006-11-17T03:18:00.000-05:00खुलेआम शोषण हो रहा है आपका. लाल बत्ती की गाड़ी दे क...खुलेआम शोषण हो रहा है आपका. लाल बत्ती की गाड़ी दे कर आपका लाल खून चूसा जा रहा है. वही मैं कहूं कि जब से आपने यह नौकरी पकड़ी है आप इतने दुबले क्यों होते जा रहे हैं.<BR/>इनके आफिस के सामने 'मुर्दाबाद' के नारे लगाने हों तो बताइयेगा, नारेबाजी और तोड़फोड़ का 'टर्न की' ठेका लेने का ठेका लिया है हमने. :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163749999845682022006-11-17T02:53:00.000-05:002006-11-17T02:53:00.000-05:00तरकश सलाम ! क्या करें समीर जी वक्त ही नही मिलता और...तरकश सलाम ! <BR/>क्या करें समीर जी वक्त ही नही मिलता और ना ही कुछ लिखने का आईडिया है - और तरकश पर लिखने की ज़िम्मेदारी भी तो लिखना ही पडे आखिर अपना तरकश है और उसे सजाने संवारने मे मिल जुल कर काम करना है - आप मैं और पंकज भाई तो लिखते ही है और बाकी ममबर्स कहां है। पंकज भाई तो इस वक्त चैट पर नही हैं जैसे ही मिलें मैं खुद उनकी क्लास लेता हूं ;)<BR/>तरकश सलाम !Shuaibhttps://www.blogger.com/profile/09917522401192571532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163735255498322042006-11-16T22:47:00.001-05:002006-11-16T22:47:00.001-05:00अरे राम मैरे... :(काहे बामपंथी बना रहे हो मालिक। :...अरे राम मैरे... :(<BR/><BR/>काहे बामपंथी बना रहे हो मालिक। :)<BR/><BR/>स्साला, मुझे तो पता ही नहीं था मेरा करेकटर ऐसा है! :)<BR/><BR/>बापु लाल सलाम हों मालिक।पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1163735251943341912006-11-16T22:47:00.000-05:002006-11-16T22:47:00.000-05:00आपको हेड मास्टर होना चाहिए था. :)अच्छी मौज ली है.त...आपको हेड मास्टर होना चाहिए था. :)<BR/>अच्छी मौज ली है.<BR/>तरकश सलाम !संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.com