tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post114679866208736821..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: अपना ब्लाग बेचो, भाई.........Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-14577391918405186612019-07-27T03:04:03.701-04:002019-07-27T03:04:03.701-04:00Chaliye majma to jam hi gaya hai, ye silsila yoon ...Chaliye majma to jam hi gaya hai, ye silsila yoon hi chalta rahe.<br />Shayad ye bhi aapko pasand aayen- <a href="https://www.techgape.com/2019/06/albert-einstein-quotes-thoughts.html" rel="nofollow"> Albert Einstein Quotes</a> , <a href="https://www.techgape.com/2019/02/love-quotes-for-him.html" rel="nofollow"> Love Quotes for Him</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-43687889046211233412013-04-19T04:00:01.554-04:002013-04-19T04:00:01.554-04:00क्या लल्लन टाप लिखे हैं .... वाह
लम्बे समय तक ये ...क्या लल्लन टाप लिखे हैं .... वाह <br />लम्बे समय तक ये पोस्ट याद रहेगी <br />बल्कि सीधे कहूँ तो कालजयी पोस्ट है <br /><br />[बिना कापी-पेस्ट किये प्रतिक्रिया दे रहा हूँ ]प्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-72038317231982308522007-02-16T16:00:00.000-05:002007-02-16T16:00:00.000-05:00लगता है कि मेरे करने के लिए कोई टिप्पणी ही नही बाक...लगता है कि मेरे करने के लिए कोई टिप्पणी ही नही बाकी। खैर कौनो बात नाहीं।<BR/>व्यंग में धार है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1147298865422390292006-05-10T18:07:00.000-04:002006-05-10T18:07:00.000-04:00मित्र मनीषबस यूँही बयान कर दिया, और अंदाज आपको पसं...मित्र मनीष<BR/>बस यूँही बयान कर दिया, और अंदाज आपको पसंद आ गया, तो इसे मेन्टेन करने का प्रयास जारी रखूँगा.<BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1147275178533511662006-05-10T11:32:00.000-04:002006-05-10T11:32:00.000-04:00मजा आ गया हुजूर क्या अंदाजे बयाँ है आपका !मजा आ गया हुजूर क्या अंदाजे बयाँ है आपका !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1147083180098603882006-05-08T06:13:00.000-04:002006-05-08T06:13:00.000-04:00बहुत धन्यवाद, प्रत्यक्षा जी.बहुत धन्यवाद, प्रत्यक्षा जी.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1147065862139371432006-05-08T01:24:00.000-04:002006-05-08T01:24:00.000-04:00लेख और जवाब दोनों , बहुत खूब !लेख और जवाब दोनों , बहुत खूब !Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146952551723104822006-05-06T17:55:00.000-04:002006-05-06T17:55:00.000-04:00आगे:भाग ४रजनीश भाई: बहुत धन्यवादछाया भाई ( माननीय ...आगे:भाग ४<BR/><BR/><B>रजनीश भाई:</B> बहुत धन्यवाद<BR/><BR/><B>छाया भाई ( माननीय e-shadow ji):</B> वाकई, बहुत स्नेह प्राप्ति हुई और साधन बने आप. अब तो कविता मे भी आपको ही नायक बना कर लिख करूँ, ऎसा लगने लगा है.अरे भाई, निरुत्तर होने की जरुरत नही है, कुछ तो कहो. गाँठ की सलामती के लिये शुभकामनायें.. और बुरा ना मान कर जिस खेल भावना का प्रर्दशन आपने किया है, उसके लिये आपको साधुवाद एवं धन्यवाद.<BR/><BR/><B>अनूप(भार्गव) जी:</B> आपको तो कुछ लिखने की आवश्यकता ही नही, आप तो बस अपना नाम भी लिख जाते तो सम्मान का विषय है, वैसे "All of the above" तो मै फ़्रेम करा कर रख ही लेता हूँ.<BR/><BR/><B>लक्ष्मी जी:</B> आप पधारे, अहोभाग्य हमारे.सलाह को इतनी कीमत मुहैय्या कराने हेतू बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>विवेक भाई:</B> जब फ़्री के नुस्खों से काम चल जाये, तो फ़िर यह पैसा खर्च करने वाला नुस्खा कौन मानेगा. वैसे सलाह तो अच्छी है अगर अखबार वाले फ़्री मे निकाल दें, तब. धन्यवाद.<BR/><BR/><B>प्रेमलता जी:</B> अरे, हम तो जानते है, आप का स्नेह तो हमेशा मिलता रहा है, और इस सच मे वाली बधाई के लिये बहुत धन्यवाद<BR/><BR/>---समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146952362553879822006-05-06T17:52:00.000-04:002006-05-06T17:52:00.000-04:00आगे:भाग ३मानोशी जी: इस पोस्ट पर दो बार मुस्कराने क...आगे:भाग ३<BR/><BR/><B>मानोशी जी:</B> इस पोस्ट पर दो बार मुस्कराने के लिये बहुत धन्यवाद. :-):-)<BR/><BR/><B>सीमा जी:</B> अरे, इसमे भी बडी मेहनत का काम है, कौन सी वाली कापी पेस्ट करना है, कहीं पिछली वाली भी तो वही नही थी. कभी कभी तो सीधे लिख देना ज्यादा जल्दी हो जाता है. :) धन्यवाद.<BR/><BR/><B>पंकज भाई एवं पंकज भाई( दो बार):</B> एकलव्य को द्रोणाचार्य मिला, बहुत खुशी की बात है, बधाई स्विकारें विशेष प्राप्ती के लिये और नई परम्परा के उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाऎं. पधारने के लिये धन्यवाद.<BR/><BR/><B>अनूप (शुक्ला) जी:</B> बिल्कुल सही कह रहे हैं, लेख ज्यादा पसंद किया जा रहा है. एक बार पहले भी आपने मुझे गद्य के मैदान मे रहने का <A HREF="http://www.blogger.com/comment.g?blogID=23257105&postID=114143547262017921" REL="nofollow">सलाह दी थी </A> ......<BR/>सुभाषितों को पढकर तो मज़ा ही आ गया. पधारने और नज़रें इनायत करने के लिये बहुत धन्यवाद. स्नेह बनाये रखें.आपकी लेखनी के तो हम कायल हैं.<BR/><BR/>क्रमशः........<BR/><BR/>आगे:भाग ४Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146952118024453252006-05-06T17:48:00.000-04:002006-05-06T17:48:00.000-04:00आगे:भाग २युगल भाई: आपको मजा आया, सुनकर हमे भी मजा ...आगे:भाग २<BR/><BR/><B>युगल भाई:</B> आपको मजा आया, सुनकर हमे भी मजा आया. आपका तो विशेष ध्यान रखना ही पडता है, और अब आपने बुरा नही माना है तो आगे भी कवरेज थोडी बढा कर करुँगा.:)<BR/>आशा है इसी तरह खेल भावना का प्रर्दशन जारी रखेंगे.धन्यवाद.<BR/><BR/><BR/><B>रा.च.मिश्र जी:</B> आपकी सहमती के लिये आभारी हूँ.(कंडिका ५) और बाकी के लिये बहुत धन्यवाद. वैसे मुझे लग रहा है, आपने इसका पालन करना भी शुरु कर दिया है, कहीं आपकी टिप्पणी देखी "शब्द संचयन को माध्यम बनाकर बडी गहरी बात कह डाली." ...तो यूँ ही ख्याल मचल उठा. :) <BR/><BR/><B>उन्मुक्त भाई:</B> चलिये, एक राज तो क्लियर हुआ.अब रही घडी की बात: मेरी मशीन पर तो ठीक दिखा रही हैं, फिर भी और टेस्ट करता हूँ आपके सुझाव के मद्देनज़र.बहुत धन्यवाद<BR/><BR/><B>आशीष भाई:</B> ज्ञानवर्धन के इस विशेष मौके पर आपको लाख लाख बधाई एवं यह भविष्य मे आपको लाभ पहुँचाये, इस हेतु शुभकामनाऎं प्रेषित करता हूँ.बहुत धन्यवाद<BR/><BR/><B>शालिनी जी:</B> ज्ञानवर्धन के इस विशेष मौके पर आपको भी लाख लाख बधाई एवं यह भविष्य मे आपको लाभ पहुँचाये, इस हेतु शुभकामनाऎं प्रेषित करता हूँ.अरे नही जी, आप जब जब भी अच्छा लिखती है, मन ही नही मानता, वाकई टिप्पणी करके आया था. :) सुझाव पसंद आये, हम खुश हुये, आगे भी स्नेह बनाये रहें. बहुत धन्यवाद<BR/><BR/><B>पंकज भाई:</B> आगे से जरुर बताऊँगा कि कैसी टिप्पणी चाहिये.:) वैसे आग्रह का कच्चा हूँ, तीनों ही रख लेता हूँ, बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>युगल भाई(पुनः):</B> पुनः धन्यवाद..अब एक हफ़्ता तो छप्पर की मरम्मत मे निकल जायेगा. :)<BR/><BR/>क्रमशः........Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146951926443866762006-05-06T17:45:00.000-04:002006-05-06T17:45:00.000-04:00इतनी सारी टिप्प्णियाँ......विश्वास सा नही होता.आप ...इतनी सारी टिप्प्णियाँ......विश्वास सा नही होता.आप सबके स्नेह से भाव विभोर हुआ जाता हूँ. बकौल जीतू भाई, गला रौंध आया. थोडा खंगारा, तो कुछ ठीक लगा.अब तीन चार पार्ट्स मे धन्यवादी सिलसिला शुरू करता हूँ:<BR/><BR/>भाग १:<BR/><B>रत्ना जी:</B> मान गये कि आपने टाइप किया है, धन्यवाद.<BR/><BR/><B>रवि भाई:</B> बहुत धन्यवाद, कभी इनीशियल यूफ़ोरिया पर विस्तार से विचार दें, सिम्पटम्स आदि पर.<BR/><BR/><B>आईना जी(जगदीश भाई):</B> आशा अब तक थम गये होंगे-और पेट पुनः यथास्थिती को प्राप्त हुआ होगा.धन्यवाद.<BR/><BR/><B>प्रतीक भाई:</B> साफ़्टवेयर बनाने के जुगाड मे लगा हूँ, जैसे ही तैयार होगा, जीतू भाई से बात कर साप्ताहिक जुगाड लिंक मे डलवा देंगे.अभी तो खुद ही पूरी मेहनत करनी होती है, कापी और पेस्ट की.बहुत धन्यवाद.<BR/><BR/><B>जीतू भाई:</B> टिप्पणी पुराण पढ ली और टिप्पणी भी चस्पा( कापी/पेस्ट) कर आये. बुरा हाल करने के लिये माफ़ी चाहूँगा.अब तक अच्छा हो गया होगा.बहुत धन्यवाद<BR/><BR/><B>सागर भाई:</B> हिम्मत वापिसी की बहुत बधाई.आगे भी जब हिम्मत छुटने लगे, चले आना, भाई.मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिये. आईडिया पसंद करने के लिये धन्यवाद.<BR/>क्रमशः........Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146927809904789022006-05-06T11:03:00.000-04:002006-05-06T11:03:00.000-04:00समीर भाई बहुत बढ़िया, बधाई. पर कट पेस्ट नहीं है।सच ...समीर भाई बहुत बढ़िया, बधाई. पर कट पेस्ट नहीं है।सच में बधाई।<BR/>प्रेमलताप्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146888594842144922006-05-06T00:09:00.000-04:002006-05-06T00:09:00.000-04:00अरे भैया अगर कोई आप के ब्लाग पर नहीं आता तो अखबार ...अरे भैया अगर कोई आप के ब्लाग पर नहीं आता तो अखबार मेँ एड दो न मना किसने किया हैविवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146876152261428742006-05-05T20:42:00.000-04:002006-05-05T20:42:00.000-04:00समीर जी,इतनी टिप्पणियों के बाद आपको मेरी टिप्पणी क...समीर जी,<BR/><BR/>इतनी टिप्पणियों के बाद आपको मेरी टिप्पणी की ज़्ररूरत तो नहीं है,फिर भी डाले देता हूँ। लाख़ टके की सलाह दी है, आपने।Laxmihttps://www.blogger.com/profile/01605651550165016319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146871559858128002006-05-05T19:25:00.000-04:002006-05-05T19:25:00.000-04:00अब इतनी टिप्पणियों की बाद कुछ रहा भी है लिखनें के ...अब इतनी टिप्पणियों की बाद कुछ रहा भी है लिखनें के लिये ? <BR/>जितनें 'सुझाव' तुम नें दिये हैं , जी चाह्ता है कि कह दें "All of the above".अनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146869754581010092006-05-05T18:55:00.000-04:002006-05-05T18:55:00.000-04:00समीर जी, आपका तो जवाब नही है साहब, मुझे टिप्पणियॉ ...समीर जी, आपका तो जवाब नही है साहब, मुझे टिप्पणियॉ कैसे मिले ये बताते बताते आपने उसका अम्बार जमा कर लिया, मै निरुत्तर हूँ साहब जो कहना चाहता था भाई लोगों ने पहले ही कह डाला है। मुझे आपका चिठ्ठा बेहद रोचक लगा और बेहद हँसी भी आई कई जगह। आपकी सलाह गॉठ बॉध कर रख लेता हूँ।ई-छायाhttps://www.blogger.com/profile/15074429565158578314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146853822101617662006-05-05T14:30:00.000-04:002006-05-05T14:30:00.000-04:00बहुत बढ़िया समीर जी।बहुत बढ़िया समीर जी।Baserahttps://www.blogger.com/profile/08365898829052109147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146850345627435102006-05-05T13:32:00.000-04:002006-05-05T13:32:00.000-04:00इस पोस्ट पर आई प्रतिक्रियायें बताती हैं कि हवा हवा...इस पोस्ट पर आई प्रतिक्रियायें बताती हैं कि हवा हवाई कविताओं के मुकाबले लेख लोगों की समझ में ज्यादा आते हैं। मुझे तो बड़ा अच्छा लगा कि जीतेंदर के टिप्पणी पुराण के बाद की बात कही। ब्लाग-ब्लागर-ब्लागिंग के कुछ <A HREF="http://hindini.com/fursatiya/?p=36" REL="nofollow">सुभाषितों</A> में से जो यहां लागू होते हैं वे यहां दुबारा दिये जा रहे हैं:-<BR/><BR/><B>- अच्छा लिखने वाले की तारीफ करते रहना आपकी सेहत के लिये भी जरूरी है। तारीफ के अभाव में वह अपना ब्लाग बंद करके अलग पत्रिका निकालने लगता है। तब आप उसकी न तारीफ कर सकते हैं न बुराई।<BR/><BR/>-ऊटपटांग लिखने वाले का अस्तित्व आपके बेहतरीन लिखने का खुशनुमा अहसास बनाये रखने के निहायत जरूरी है। घटिया लिखने वाला वह नींव की ईंट है जिसपर आपका बढ़िया लिखने के अहसास का कगूंरा टिका होता है।<BR/><BR/>- बहुत लिखने वाले ‘ब्लागलती’ को जब कुछ समझ में नहीं आता तो वह एक नया ब्लाग बना लेता है,जब कुछ-कुछ समझ में आता है तो टेम्पलेट बदल लेता है तथा जब सबकुछ समझ में आ जाता है तो पोस्ट लिख देता है। यह बात दीगर है कि पाठक यह समझ नहीं पाता कि इसने यह किसलिये लिखा!</B>अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146849440308968052006-05-05T13:17:00.000-04:002006-05-05T13:17:00.000-04:00"काट और साट" की परम्परा का प्रारम्भ होने वाला है।"काट और साट" की परम्परा का प्रारम्भ होने वाला है।Pankajhttps://www.blogger.com/profile/15919465910962263116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146849118207546512006-05-05T13:11:00.000-04:002006-05-05T13:11:00.000-04:00लगता है इस एकलव्य को द्रोणाचार्य मिल गया ।लगता है इस एकलव्य को द्रोणाचार्य मिल गया ।Pankajhttps://www.blogger.com/profile/15919465910962263116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146841422893406312006-05-05T11:03:00.000-04:002006-05-05T11:03:00.000-04:00अब समझ आया आपके तुरंत टिप्पणी लिखने का राज ;)अब समझ आया आपके तुरंत टिप्पणी लिखने का राज ;)Dr. Seema Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16605133497857832550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146839996734218872006-05-05T10:39:00.000-04:002006-05-05T10:39:00.000-04:00:-):-):-):-)Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी https://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146832696130955062006-05-05T08:38:00.000-04:002006-05-05T08:38:00.000-04:00धन्य हो समीर लाल जीक्या गजब की पोस्ट लिखी है, आपको...धन्य हो समीर लाल जी<BR/>क्या गजब की पोस्ट लिखी है, आपको या तो टिप्पणीयां भी मिली तो छप्पड फाड के।Yugalhttps://www.blogger.com/profile/07262836865022038577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146831262477277432006-05-05T08:14:00.000-04:002006-05-05T08:14:00.000-04:00अरे उडन तस्तरीजी आपके ब्लोग पर क्या टिप्पणी दें, य...अरे उडन तस्तरीजी आपके ब्लोग पर क्या टिप्पणी दें, यह भी बता देते ना!! <BR/><BR/>चलिए चुन लिजीए:<BR/><BR/>1. मजा आ गया<BR/>2. वाह वाह भई खुब रही<BR/>3. शुभान अल्लाह... वाह मिँया नगीना हैं आप तोपंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1146829492770481092006-05-05T07:44:00.000-04:002006-05-05T07:44:00.000-04:00मैं आपसे पूर्णतः सहमत हूँ और आपने बहुत ज्ञानवर्धक ...मैं आपसे पूर्णतः सहमत हूँ और आपने बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी दी है । वैसे अब समझ आया कि आपकी टिप्पणियाँ मेरे ब्लाग पर भी कभी-कभी कैसे दिखती हैं। पर वाकई आपने बहुत बढ़िया लिखा है। बढ़िया टिप्पणियाँ सुझाने के लिए धन्यवाद।शालिनी नारंगhttps://www.blogger.com/profile/07725139668070862028noreply@blogger.com