tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post114518928598815172..comments2024-03-04T07:12:33.254-05:00Comments on उड़न तश्तरी ....: कंप्युटर कुण्डलियाँUdan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-30940426991889326602011-08-04T04:11:30.390-04:002011-08-04T04:11:30.390-04:00जय हो समीर कम्पूटर बाबा की जय हो ....
इकदम मस्त. प...जय हो समीर कम्पूटर बाबा की जय हो ....<br />इकदम मस्त. पर अपनी भी पोल पट्टी खोल दी है बच के रहिएगारचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-66361867058332779612011-08-04T01:00:41.650-04:002011-08-04T01:00:41.650-04:00सारी कुण्डलियाँ बहुत बढ़िया ...
किताब मे लुकाई क...सारी कुण्डलियाँ बहुत बढ़िया ... <br /><br />किताब मे लुकाई के, प्रेम पत्र पहूँचात<br />मार खाते घूम रहे जबहि पकड में आत.<br /><br />लगता है तगड़ा अनुभव रहा है ..:):)संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-89452667821567362642011-08-03T11:14:59.620-04:002011-08-03T11:14:59.620-04:00आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 04- 08 - ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 04- 08 - 2011 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> नयी पुरानी हल चल में आज- अपना अपना आनन्द - </a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145302185073267192006-04-17T15:29:00.000-04:002006-04-17T15:29:00.000-04:00धन्यवाद, मनीष जी और हितेन्द्र जी.समीर लालधन्यवाद, मनीष जी और हितेन्द्र जी.<BR/><BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145289921561883932006-04-17T12:05:00.000-04:002006-04-17T12:05:00.000-04:00बहुत खूब !बहुत खूब !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145286052442060982006-04-17T11:00:00.000-04:002006-04-17T11:00:00.000-04:00जीतू भाईफ़ेंकने का मज़ा भी तभी है, जब कोई झेलने वाला...जीतू भाई<BR/>फ़ेंकने का मज़ा भी तभी है, जब कोई झेलने वाला भी उसी तरह उसे झेले.आप अपना धर्म बखुबी निभा रहे हैं. गद्य प्रतिभा मे जो महारत आपको हांसिल है, वो अपने आप मे एक मिसाल है.<BR/>बहुत जल्दी कुण्डलियों के नियम पर मसाला पेश करता हूँ. मसले की सब्जी उठाओ, मसाला मिलाओ और चटपटी कुण्डली तैयार.<BR/>आपका धन्यवाद, आपको मेरी लेखनी पसंद आई.<BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145285584897107282006-04-17T10:53:00.000-04:002006-04-17T10:53:00.000-04:00रवि भाईआपके व्यंज़ल की दुकान की छटा ही निराली है, ...रवि भाई<BR/>आपके व्यंज़ल की दुकान की छटा ही निराली है, उससे कोई तुलना ही नही बनती, उसे सज़ाये रहें, उसी नुक्कड पर हम भी अपनी कुण्डलियों की गुमटी धीरे धीरे चलाते रहेंगे.<BR/>धन्यवाद<BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145274577028582802006-04-17T07:49:00.000-04:002006-04-17T07:49:00.000-04:00समीर जी, हमारा कविता (पड़ोस वाली नही, हिन्दी कविता)...समीर जी, हमारा कविता (पड़ोस वाली नही, हिन्दी कविता) मे हाथ थोड़ा तंग है, या तो कोई कविता सिखाने की पाठशाला बताओ, या फिर गद्य मे ही प्रशंसा सुन लो।<BR/><BR/>बहुत सुन्दर कुन्डलियां है, अभी कुन्डली की विस्तृत परिभाषा लिखियेगा तो सही रहेगा। हमे तो पढने मे सही लग रही है, बहुत मजा आ रहा है।हिन्दुस्तान से शुकुल फ़ेंक रहे है और कनाडा से आप, हम बीच कुवैत मे दोनो को झेल रहे है, फिर भी सही है, मजा आ रहा है।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145251970750295082006-04-17T01:32:00.000-04:002006-04-17T01:32:00.000-04:00वाह ! वाह !!इसे कहते हैं इंडक्शन इफ़ेक्ट!...लगता ह...वाह ! वाह !!<BR/><BR/>इसे कहते हैं इंडक्शन इफ़ेक्ट!...<BR/><BR/>लगता है मुझे भी अपनी व्यंज़ल की दुकान बंद कर कुंडली पे कुंडलियाँ या नहीं तो आल्हा का राग अलापना पड़ेगा. :)रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145241956571018172006-04-16T22:45:00.000-04:002006-04-16T22:45:00.000-04:00आभारी हूँ महावीर जी आपका.मात्र प्रयास करते रहते है...आभारी हूँ महावीर जी आपका.मात्र प्रयास करते रहते हैं.<BR/>बहुत धन्यवाद.<BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145215196982114402006-04-16T15:19:00.000-04:002006-04-16T15:19:00.000-04:00अरे, हम तो समझे थे कि बस टाईपिंग चालू है, और अनूप ...अरे, हम तो समझे थे कि बस टाईपिंग चालू है, और <B>अनूप भाई</B> किसी समय भी धमाका करने वाले हैं अपनी कुण्डलियों से..इसी लिये जल्दी जल्दी लिख मारी, इसके पहले कि आपका धमाका हो.:)<BR/>इंतजार है,<BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145208777030508352006-04-16T13:32:00.000-04:002006-04-16T13:32:00.000-04:00वाह! अब लगता है कुंडलिया पर भी कुंडली मारनी पड़ेगी...वाह! अब लगता है कुंडलिया पर भी कुंडली मारनी पड़ेगी!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145202729258464742006-04-16T11:52:00.000-04:002006-04-16T11:52:00.000-04:00वाह भई,विजय भाई और संजय भाई की काव्य प्रतिभा भी बह...वाह भई,<BR/><BR/><B>विजय भाई</B> और <B>संजय भाई</B> की काव्य प्रतिभा भी बहुत सुंदरता से सामने आई है, बधाई और धन्यवाद.<BR/><BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145194382879995302006-04-16T09:33:00.000-04:002006-04-16T09:33:00.000-04:00दूर बैठे आपसे, कुण्डलियाँ पढ पाएंउनको किजे नमन जिस...दूर बैठे आपसे, कुण्डलियाँ पढ पाएं<BR/>उनको किजे नमन जिसने, कमप्युटर बनाए, कमप्युटर बनाए, अब इण्टरनेट ने कहर ढाया<BR/>गाँव बन गई दुनियां, गज़ब हैं इसकी माया<BR/>कहे नौसिखीया, आप लिखते रहीये हुजूर<BR/>रसास्वादन करते रहेंगे, भले हो आपसे दूरसंजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23257105.post-1145191911172602602006-04-16T08:51:00.000-04:002006-04-16T08:51:00.000-04:00वाह वाह समीर जी,क्या सही लिखते हो आप!! मजा आ जाता ...वाह वाह समीर जी,<BR/><BR/>क्या सही लिखते हो आप!! <BR/>मजा आ जाता है आपकी कुँडली बाँच कर.<BR/><BR/><I><BR/>आप लिखते रहो,<BR/>हम बाँचते रहे,<BR/>के मजा पढने का हमें यहीं आता है..<BR/>के मजा पढने का हमें यहीं आता है..<BR/></I>विजय वडनेरेhttps://www.blogger.com/profile/05856402710862023023noreply@blogger.com