शनिवार, अप्रैल 15, 2017

एंटी ईवीएम छेड़छाड़ स्क्वाड


मृत्यु को एक वरदान मिला है. मृत्यु को कभी बदनामी नहीं मिलती. जब कभी किसी की मृत्यु होती है उसका दोष सदा ही कभी बुढ़ापे, कभी बीमारी, कभी दुर्घटना को जाता है. यहाँ तक की जब कोई कारण नहीं मिलता तब भी यही कहा जाता है कि अच्छे खासे थे, न जाने क्या हुआ और गुजर गये..  
वही हाल चुनाव में प्रत्याशियों की हार का है..मानो तुलसी दास कह रहे हों कि प्रत्याशी को नहीं दोष गुसांई..हार याने की इनके न जीतने का दोष प्रत्याशी के सिवाय चाहे जिस बात पर डाल दिया जाये मगर प्रत्याशी तो मानो गालिब हो, कुछ भी कर ले..कितना भी बदनाम क्यूँ न हो..उसके आका से लेकर उसके चहेतों तक बस एक ही बात:
नेता तो वो अच्छा है, बदनाम बहुत है
ये कभी नहीं हारते. जीतने वाला जीत गया, ये नहीं जीते..बस, इतनी सी घटना होती है.
कभी सामने वाले की लहर के चलते तो कभी जनता के आदेश के चलते सामने वाला जीत जाता है और यह नहीं जीतते.
शास्त्रों में लिखा है कि सब हार कर भी जो इन्सान उम्मीद नहीं हारता, आशा का हाथ थामें रहता है- एक दिन सफलता उसके कदम जरुर चूमती है, इस सूत्र का इस धरती पर यदि अगर एक वर्ग के रुप में कोई अक्षरशः पालन करता है तो वो नेता वर्ग ही है.
पहले अक्सर इनके न जीतने का ठीकरा बूथ केप्चरिंग पर फोड़ा जाता था. बाहुबलियों का बोल बाला हुआ करता था. जिसके पास जितने लठैत, वह उतना सफल नेता. लठैत मात्र लट्ठ लिए लोग नहीं बल्कि चाकू, तलवार, दोनाली से लेकर रिवाल्वरधारी भी हुआ करते थे. लठैत अपने नेता की जीत सुनिश्चित कराते थे, जीतने वाला नेता अपने लठैतों को जेल से बचाये रखने की गारंटी दिया करता था. दोनों का चोली दामन का साथ था. बूथ केप्चरिंग में यह बूथ इन्चार्ज को धमका कर, मार पीट कर मत पेटी पर कब्जा करके अपने मन मर्जी के वोट डाल लेते थे.
जिस किसी नेता को पहले से यह अंदाजा हो जाता कि वह नहीं जीतेगा इस बार, वह वोटिंग वाले दिन ही बूथ केप्चरिंग का इल्जाम लगा देता था और बाकी के न जीत पाने वाले, चुनाव के नतीजे आने के बाद उसके इल्जाम का समर्थन करने लग जाते थे. मगर जो जीत गया सो जीत गया.  
बताते हैं कि आज लैठेतों की जगह तकनीक के ज्ञाता सॉफ्टवेयर इन्जीनियरों ने ले ली. ये तकनिकीयुगीन लठैत अपने तकनिकी ज्ञान की दोनाली लिए अपने आकाओं के आदेश पर ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) पर धावा बोलते हैं. उसका अपने ज्ञान से ऐसा हृदय परिवर्तन करते हैं कि जनता चाहे जो आदेश दे, लहर भले किसी की चले..एवीएम जितायेगी इनके आकाओं को ही.
बाकी के न जीत पाये नेता, वही पूर्ववत अब दोषारोपण ईवीएम मशीन पर कर देते हैं कि इनसे छेड़छाड़ की गई है.
जल्दी ही इस छेड़छाड़ के खिलाफ भी एण्टी रोमियो कानून की तरह ही कोई कानून लाना पड़ेगा वरना यह छेड़छाड़ की बीमारी प्लैग से भी ज्यादा संक्रामक है, पूरे देश में फैलते वक्त न लेगी. कुछ ही बरसों में पूरे देश में फैल जायेगी.
वक्त रहते न संभले तो फिर कुछ ही बरसों में फैली इस बीमारी के उन्मूलन में कई दशक लग जायेंगे.
-समीर लाल ’समीर’
भोपाल से प्रकाशित दैनिक सुबह सवेरे में आज:

#jugalbandi

#जुगलबन्दी
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14 टिप्‍पणियां:

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बढ़िया व्यंग्य

PRAN SHARMA ने कहा…

Bahut khoob

कविता रावत ने कहा…

जल्दी ही इस छेड़छाड़ के खिलाफ भी एण्टी रोमियो कानून की तरह ही कोई कानून लाना पड़ेगा वरना यह छेड़छाड़ की बीमारी प्लैग से भी ज्यादा संक्रामक है, पूरे देश में फैलते वक्त न लेगी. कुछ ही बरसों में पूरे देश में फैल जायेगी.
वक्त रहते न संभले तो फिर कुछ ही बरसों में फैली इस बीमारी के उन्मूलन में कई दशक लग जायेंगे.

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "अनजान से रास्ते, हम और आप... “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (18-04-2017) को

"चलो कविता बनाएँ" (चर्चा अंक-2620)
पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (18-04-2017) को

"चलो कविता बनाएँ" (चर्चा अंक-2620)
पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Arun sathi ने कहा…

हमेशा की तरह करारा प्रहार

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे!

Unknown ने कहा…

कृपया मुझे भी पढ़े व अच्छा लगे तो follow करे मेरा blog है ।। againindian.blogspot.com

Unknown ने कहा…

कृपया मुझे भी पढ़े व अच्छा लगे तो follow करे मेरा blog है ।। againindian.blogspot.com

roshni singh ने कहा…

Bahut hi bhannaat likhte h... Bhannaat.com ke liye kuch tips dijiye

ridhi ने कहा…

Awesome post thanks

Mukesh Rawat ने कहा…

सुप्रभात
बहुत सुंदर लिंकों का सार्थक संयोजन।सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
कृपया मुझे भी पढ़े व अच्छा लगे तो follow करे मेरा blog है
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kartik ने कहा…

thanks gym motivaional quotes