शुक्रवार, मई 29, 2009

क्या बूझूँ, क्या याद करुँ? : पहेलियों का माया जाल!!

लिखने के पहले साफ कर दें कि हम तो खुद ही पहेली बूझने सबसे पहली पंक्ति में खड़े रहते हैं और ताऊ पहेली पर हैट्रिक लगाकर ’महा ताऊ श्री’ एवं संचालक मंडल का हिस्सा भी बन गये हैं लेकिन यह आलेख किसी बेनामी की भावनाओं की गिरफ्त में लिखा जा रहा है. अब बूझ के बताओ कि उस बेनामी नें कब और कहाँ ऐसी टिप्पणी की कि इस आलेख का जन्म हुआ.

वैसे भी सदाचार का भाषण देने के लिए सदाचारी होना कोई जरुरी थोड़े ही है वरना तो बाबा लोगों के मंचो पर आकाल पड़ जायेगा. ये दूसरी बात है कि मोटी चमड़ी वाले ये बाबा आकाल के बाद भी मासूम किसानों की तरह आत्म हत्या नहीं करने वाले. इनका क्या है, नेता हो लेंगे.

आजकल पूरा ब्लॉगजगत लाल बुझक्कड़ बना हुआ है.

लाल बुझक्कड बूझ गए,और ना बूझा कोय
पैर में चक्की बांध के हिरणा कूदा होय


जिसे देखो, एक ठो तस्वीर लिए चला आ रहा है कि ’पहचानों कौन?’ और हम जैसे दसियों पीर जुटे हैं अटकल लगाने में. जितनी देर लगती है एक पहेली का जबाब ढ़ूंढने में, उतनी देर में कम से कम दस ब्लॉग को जिन्दाबाद कर आये होते. भारत जैसा हाल है, जितने का गबन हुआ, उससे कई गुना ज्यादा जाँच समितियाँ निपटा गईं और हाथ आया सिफर.

मगर नाम का मोह छूटे जब न!! यहाँ भी हमारा नाम रहे, वहाँ भी और वहाँ भी. कई बार तो खुद से कहने लगता हूँ कि अरे महाराज, जितना गुगल पर दौड़ रहे हो जबाब ढूंढने, इतने का दस परसेन्ट भी अगर ब्लॉगजगत के बाहर दौड़ लगाई होती तो इतनी सॉलिड और छरहरी बॉडी बन जाती कि खुद का फोटू लगा कर पूछ सकते थे, ’पहचान कौन?’

लोग अटकलें लगाते कि पक्का अमिताभ है, कोई कहता सलमान है तो कोई कहता शाहरुख मगर कोई सच न बता पाता. फिर हम क्लू देते कि हैं उन्हीं टाईप, वेरी क्लोज मगर वो नहीं हैं. दाई ओर देख, बाईं ओर देख और जाने क्या क्या क्लू!!

अब आजकल तो हिट ही हो रही है. किसी भी ब्लॉगर का फोटू उठाया, फोटो शॉप खोली, स्मज टूल पकड़ा और लगे फोटू की बैण्ड बजाने और चिपका दिया-’पहचान कौन?’ क्या खाक पहचानें? जिसकी है वो तक तो पहचान नहीं पा रहा. यहाँ तक कि अगर पूछने वाले के पास से नाम गुम जाये तो पहेली का परिणाम घोषित करना भारी पड़ जाये.

फोटो पर कुछ कलाकारी करो कि जैसे आँख किसी की, मूँह पर आधा किसी का और आधा किसी का, फिर पूछो कि तीनों को पहचानों, तो फिर भी समझे. पूरा रगड़ मारो और फिर पूछो कि ’पहचान कौन?’ यह तो नाईन्साफी है. इतना भी पूछ लेते कि यह क्या है तो भी न बता पाते कि किसी ब्लॉगर की तस्वीर है. बस, आधे कहते कि फूल है, कोई कहता समुन्द्र तो कोई आसमान बताता. ऐसी हालत कर देते हो तुम फोटू की.

इनके लफड़े में पड़े तो अपनी आदत खराब हुई जा रही है. कहीं फोन करो अगला नेचुरली पूछता है कि कौन बोल रहे हैं और हम बिगड़ी आदत लिए, ’बूझो तो जाने?’. फिर वो कहता है कि ’नहीं पहचान पा रहे हैं’ हम इधर से पूछ रहे हैं कि ’क्लू दूँ क्या?’ दोस्त पागल सा समझने लगे हैं.

कहीं पत्ती मिल जाये, मरा जानवर मिल जाये, टूटा फल मिल जाये, कोई उल्टा टंगा दिख जाये-बस, लगे फोटो लेने. पत्नी पूछा रही है कि इस फोटू का क्या करोगे तो बस एक जबाब, ’पहेली पूछूँगा’.. मानो पहेली न हुई, किसी गरीब का हाल हो गया. जो नेता आ रहा है, पूछ कर चला जा रहा है. बूझने को कोई बूझ नहीं पा रहा है. अब, पत्नी ने भी ध्यान देना बंद कर दिया है. पागल के साथ जीना भी इन्सान सीख ही जाता है खास तौर पर अगर वो आपकी पत्नी हो.


अब तुम पहेलीबाजों से क्या कहूँ कि एक तो ये बूझने, पूछने वाली नित नौटंकी फैलाये हो फिर उस पर से तुर्रा यह कि ’यह १०० वीं पोस्ट है’ बधाई दो..अरे, अगर यही पोस्ट है तो हफ्ते भर में १०० कर डालें. :) फिर देते रहना ’साप्ताहिक बधाई’.

पहेली वो पूछ मेरे आका जिससे कुछ ज्ञान बढ़े. वाकई कुछ जानकारी मिले. ब्लॉगर कायदे के पन्नों में जाकर स्मारकों को, ज्ञानियों को ढूंढे और उनके बारे में जाने. ताऊ को देखो, एक से एक स्मारक ला रहा है, ऐतिहासिक महत्व की और फिर उसके बारे में पूरी जानकारी. कितना ज्ञावर्धन होता है. कुछ तो सीखो.



सिर्फ खेल खेल करना है तो आओ, ताश वाला जुआ खेलें. अगर समय खोटी जाये तो कुछ कमाई धमाई का जुगाड़ भी बैठे.

वैसे तो जिसको जो खेल खिलाना हो, खिलाओ. हम तो बस मौज लेने निकले थे सो ले ली.


अब बुरा लगा हो तो इसका जबाब देना:


तीन ब्लॉगर्स

इस एक फोटो में तीन ब्लॉगर है. माथा और उपर-एक, चश्मा और आँख-दो और आधी नाक और उसके नीचे-तीन. तीन के तीनों नामी गिरामी धाकड़ ब्लॉगर.

पहचानो कौन??

वैसे, मैं इस फील्ड में नहीं आ रहा हूँ तो निश्चिंत रहो. आज पूछ इसलिए लिया कि तुम्हारे पास कहने को रहे कि तुम भी तो वही कर रहे हो. माईनोरटि में जाते डर लग रहा है न इसलिए.

अंत मे: कोई बुरा मत मान जाना भाई. आज कहीं एक बेनामी टिप्पणी पढ़ी, उसी का सार संक्षेप है. :)


जरुरी सूचना: कल ५ दिन के लिए केलिफोर्निया जा रहे हैं. ७ घंटे की लम्बी दूरी की हवाई यात्रा है. नेट से दूरी रहेगी मगर पहुँच कर जुड़ने का प्रयास रहेगा. Indli - Hindi News, Blogs, Links

83 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

वाह जी, शानदार आलेख है. हम अब आपकी एक चेहरे मे तीन ब्लागर पहेली बूझने की कोशीश कर रहे हैं. देखते हैं बूझ पाते हैं या नही.

आज का कर्टून बडा मस्त है.

रामराम.

अजय कुमार झा ने कहा…

bahut badhiyaa...paheli kaa jawaab ....sab ke sab blogger hain...choti se chasme tak....jaaiye ham nahin bataate....hi kitne logon kaa dil tod diyaa aapne ab koi paheli nahin poochhegaa...waise galat hai...ab to log sirf poonchh aur seeng dikhaa kar naam pooch rahe hain....aur poochhe hee jaa rahe hain...upar se nakad inaam bhee nahin...yaar koi cup plate, chammach hee pakdaa do....aur haan ye udantashtari hameshaa vimaan par hee kyun sawaar rahti hai.....jasoos chhodne padenge.....

uff lagtaa hai paka diya paheliyon ne...isse pehle ki mera comment bhee paka de...chaltaa hoon...

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आपकी पहेली पहचान ली..पहचान ली...माथा..पंगेबाज का..बीच मे..संजय बैंगाणी और तीसरा ..फ़ुरसतिया ..

आज पहली बार शायद मैं ही जीता होऊंगा...

रामराम

श्यामल सुमन ने कहा…

कहीं इसमें आपका ही तो फोटू नहीं है?

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif ने कहा…

वाह समीर जी, बहुत अच्छा आलेख है, आपकी यात्रा के लिये शुभ्कामनायें ! खेरियत से जायें और सलामत वापस आयें ! पहेली सुल्झाने की कोशिश करते है लेकिन लगता नहॊ सुल्झेगी क्यौंकी आज तक कोई सुल्झी नही

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

जवाब बदला जाये सरकार.

माथा ज्ञानदत्तजी पांडे..बीच मे महिला ब्लागर दिख रही हैं तो रचना ही होनी चाहियें..और नीचे उडनतश्तरी.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

लगता है कुछ गडबड है. कुछ क्ल्यु का ईंतजाम किया जाये तो अच्छा हो.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

हां अब उपर माथे पर तो पक्के मे मानसिक हलचल है और नीचे दिल की बात है. पर बीच मे आपने बहुत कन्फ़्युजिया दिया है.

रंजू भाटिया ने कहा…

इतने का दस परसेन्ट भी अगर ब्लॉगजगत के बाहर दौड़ लगाई होती तो इतनी सॉलिड और छरहरी बॉडी बन जाती कि खुद का फोटू लगा कर पूछ सकते थे, ’पहचान कौन?’

:) कितना सही कहा आपने .सुबह सुबह हास्य योग हो गया इसको पढ़ कर तो :) इतनी पहेलियों के जवाब देती हूँ कसम से आज तक एक भी तुक्का सही निशाने पर नहीं बैठा :) इस लिए अब बस देख भर लेते हैं और आगे चल देते हैं यह कह कर कि नहीं पहचाना जी ....कि आप हैं कौन ?:) आपकी यात्रा सुखद रहे

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आप सिर्फ़ यह बताये की बीच मे कोई महिला ब्लागर है या पुरुष...कुछ कन्फ़्युजन हो रहा है वैसे हमारी कोशीश जारी है.

आज हम भी पहेलीतोड महाताऊ बन ही जाते हैं यह पहेली बूझकर.

Udan Tashtari ने कहा…

रामप्यारी टाईप क्लू नम्बर १:

अगर वाकई ऐसा बीहड़ चेहरा हो जाये तो नीचे वाले चेहरे के पास जाना पड़ेगा.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

हां जी जवाब नोट किया जाये. ज्
१. ज्ञानजी
२. अजीत वडनेरकर
३. अनुराग आर्य

अब पक्का है. फ़ाईनल जवाब लोक कर दिजिये.

रामराम.

Udan Tashtari ने कहा…

ताऊ

ब्लॉगर ब्लॉगर होता है-स्त्री पुरुष का भेद करते हो? अब संभल कर बैठना, कोई आ ही रहा होगा आपकी खबर लेने. हम तो संभल लेंगे..अब आप अपनी देखो. :)

Udan Tashtari ने कहा…

पूरे के पूरे सही जबाब अभी रोके जायेंगे मॉडरेशन में. यही पहेली का फैशन है और हम फैशनेबल!!

रंजन ने कहा…

सर ज्ञान जी का और मुँह डा अनुराग का.. चश्मा द्विवेदी जी का हो सकता है..

मिस. रामप्यारी ने कहा…

वाह अंकल आप भी शुरु होगये..अब आप मुझे असिसटेंट रखलो.मैं ताऊ के सारे गुरुमंत्र जानती हूं आप्की पहेली को सुपर्हिट बना दूंगी.

पर आज तो पहले मैं ये पहेली बूझती हूं.

मिस. रामप्यारी ने कहा…

सबसे उपर वकीळ साहब अंकल..नही पहचाने क्या? अरे अंकल आप भी क्या...अपने एक ही तो वकील अंकल हैं जो चश्मा लगाते हैं. यानि द्विवेदी अंकल.

दुसरा तलाश कर के वापस आती हूं.

मिस. रामप्यारी ने कहा…

हां खोज लिया मैने. दुसरे हैं अपने शाश्त्री अंकल..सौ प्रतिशत पक्का..विद्यामाता की कसम अंकल सही कह रही हूं.

तीसरा भी बताती हूं.

मिस. रामप्यारी ने कहा…

मिल गया ...मिल गया..जवाब मिल गया. तीसरा चेहरा है राज भाटिया अंकल का..

तो अब मैं आपकी पहेली की संचालिका बनना पक्का समझूं अंकल?

Udan Tashtari ने कहा…

पहेली की संचालिका नःईं-तुमको पहेली की मल्लिका बनायेंगे बेटू-चाहे कितने भी गलत सलत जबाब दिये जा. इस साल तो तेरा पास होना खटाई में जान पड़ता है. :)

बेनामी ने कहा…

koi kitni bhi kalakari kar lae par aap ki sadhiihui pechchane ki kabliyat sae nahin bach saktaa . jo log bhi paheli pehchaan kartey haen shyaad wo sab vyaktiyon ko sahii pehchaan paatey haen

aap bhi unmae sae ke haen

is post kae liyae "saadhuvaad"

rachna

Udan Tashtari ने कहा…

रचना जी का महा आभार, अब इत्मिनान से सोयेंगे. :)

P.N. Subramanian ने कहा…

बड़ा ही अच्छा लगा. मूर्धन्य ब्लागरों को चाहिए की बीच बीच में नसीहत भी दिया करें. ब्लॉग्गिंग न हुई नौटंकी बनती जा रही है. .

रंजन ने कहा…

सही नब्ज पकड़ी है आपने, बहुत सी पहेलिया हर रोज मिलती है और बहुत से सुलझाने वाले भी.. लेकिन अगर उनसे कुछ ज्ञान भी बढे तो सोने पे सुहागा.. हर चीज की एक पीक होती है..शायद अभी पहेलिया पीक पर है, कुछ समय पहले चुटकले और फोटो बहुत थे.. कल कुछ और आयेगा.. फिलहाल तो लगे रहो पहेलिया बुझाने में..:)

रविकांत पाण्डेय ने कहा…

अब कोई न कोई (जिनकी बेवजह आपने खाट खड़ी कर दी)पोस्ट लिख ही रहा होगा...कि उड़नतश्तरी ताऊ के संपादक मंडल में क्या शामिल हुई कि तुरत अपना माल खरा बाकी का खोटा बताने लगी....पूरा बिजनेसिया गेम..:)

रंजन ने कहा…

बीच में शास्त्री जी है...

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

सही कहा अब तो ये भी ब्लॉगिंग का हिस्सा बन गया है,

नित नित नये पहेली आ जाते है,
बूझो तो जाने,

अरे क्या बुझे कुछ तो बुझने लायक रहे,
जैसा की आपने भी पहेली बुझाया,
जवाब मे वैसे ही चित्र बनाया,

देखते है हम भी थोड़ा अभ्यास करेंगे,
आप की पहेली बुझने का प्रयास करेगे.


आज कल तो सीधे सादा लोग भी
पहचाने नही जाते है,
बाहर से कुछ और,
अंदर से कुछ और नज़र आते है.

Tarun ने कहा…

वाह ताऊ की पत्रिका में नौकरी मिल गयी तो लगे गुण गाने, कल तस्वीर वाली पत्रिका के BOD हो गये तो क्या कीजियेगा?

टॉप ज्ञानदत्त पांडेजी, बॉटम डा अनुराग आर्य और धड़ सुब्रहम्यम का तो नही, इत्ता बड़ा चश्मा उन्हीं का देखा है

हमारी इस नाम वाली टिप्पणी को भी बेनाम वाला समझके पढ़िये, कैलिफोर्निया कुछ जुगाड़ बना या ऐसे ही घुमने जा रहे हैं। कही एलए में कोई रोल वोल तो नही?

शेफाली पाण्डे ने कहा…

महिला तो कोई नहीं है पक्की बात ....इसी बात पर हाय हाय .....

"अर्श" ने कहा…

main to niche ke anuraag ji ko hi pahchaan paayaa....lekin majaa aayaa ....shaandaar prastuti kamaal kibaat....


arsh

Shiv ने कहा…

पोस्ट पढ़कर मज़ा आ गया, भइया. कमाल की पोस्ट है. आपकी पहेली में ज्ञानदत्त जी और डॉक्टर अनुराग को तो हम पहचान गए. चश्मे वाले जी को नहीं पहचान पाए.

टिपण्णी किसने की?
पहचानिये कौन?

संजय बेंगाणी ने कहा…

एक तो ज्ञानजी है.

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

हम भी कहेंगे साधुवाद जी!

ALOK PURANIK ने कहा…

जमाये रहिये कैलिफोर्निया में भी।

अन्तर सोहिल ने कहा…

"किसी भी ब्लॉगर का फोटू उठाया, फोटो शॉप खोली, स्मज टूल पकड़ा और लगे फोटू की बैण्ड बजाने और चिपका दिया-’पहचान कौन?’ क्या खाक पहचानें?"
ऐसी पहेली वाला ब्लाग तो मुझे बिल्कुल बकवास लगा। ताऊ, तस्लीम और मुसाफिर जाट की पहेलियों से तो काफी जानकारी मिलती है।
ये वाली टिप्पणी तो मैं भी करना चाहता था, लेकिन शब्दों के तालमेल के अभाव में कर ही नही पाया सो उस ब्लाग से तुरंत दौड लगा दी।

अन्तर सोहिल ने कहा…

तीनों ताऊ हैं पक्का

L.Goswami ने कहा…

पहले ज्ञान जी हैं तीसरे अनुराग जी बीच में कौन हैं पता नही ..वैसे मैंने सर्प पहेलियाँ पहले ही बंद करवा दी भुजंग में :-)

अनूप शुक्ल ने कहा…

ब्लाग पोस्ट जब लिखने बैठे, बढिया मूड बना डाला
कम्यूटर भी दिहिस समर्थन, नेट से फ़ौरन जोड़ ही डाला,
ब्लाग देखते ताज्जुब हो गया, बुझा पहेली रहे हैं लाला,
यह दिन देखन को बाकी थे, मंदी लाई दिन काला ।

अन्तर सोहिल ने कहा…

माथा है - ताऊश्री ज्ञानदत्त पाण्डेय जी का
चश्मा और आंखे - ताऊश्री द्विवेदी जी
आधी नाक और नीचे - ताऊश्री डा अनुराग

दिगम्बर नासवा ने कहा…

क्या बात है समीर भाई...........आप भी...........
कोई बात नहीं........एक तो डॉक्टर अनुराग, दूजे ज्ञान दत्त जी...........तीसरे..................आप भी हो सकते हैं ............Galat ho to buraa na maanna bhai....

रंजना ने कहा…

हम ठहरे मंदबुद्धि ...दिमाग वाले काम का नाम आते ही वहां से चुपके से निकल लेते है.पहलेही की प् देखकर ही भयग्रस्त हो जाते हैं.

लेकिन इस फोटो में कुछ तुक्का लगाया है....ऊपर वाला भाग तो ज्ञान भैया का लग रहा है और नीचे वाला डाक्टर साहब (डाक्टर अनुराग ) का...बीच वाला ठीक से बुझा नहीं रहा....

बताइयेगा,ठीक है या नहीं...हम परम संतोषी हैं....अगर १०० में से ४५-५० नंबर भी मिल जाये तो अपनी पीठ ठोक लेंगे...

●๋• सैयद | Syed ●๋• ने कहा…

ऊपर से .ज्ञानदत्त जी, अजीत वरनेडकर जी और अनुराग जी .....

...मुझे तो लगता है की मैं सही हूँ, बाकी आप जानो :-)

Manish Kumar ने कहा…

mazedar form mein hain janaab !

PD ने कहा…

1. Gyan Ji
2. Shastri Ji
3. Dr. sahab.. are vahi Anurag ji :)

PD ने कहा…

agar 3 me se 2 sahi ho to bhi 66.67% number aate hain.. yani 1st class.. jisake bare me ham sure hain.. :D

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

उपर की खोपडिया एवम किमती बाल है ज्ञानदत्तजी पाण्डेय

यह गोल मटोल ऑखे व उनके उपर चमकदार ६ नम्बरी गोगल १०० % डा अनुरागजी का

ओर यह बिन मुछ वाले कोन है ढुढने दो शायद रामपुरियाजी है। एक जवाब पेडिग रखे। क्यो कि बिना मुछ वाले को ढुढना ठेडी बात है, ।
mahaveer

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

भाई कोइ मुछ वाला या लिपिस्टिक वाले को ही निचे तरहीज दी जाऐ,

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

भाई निचे के होठ भी अनुरागजी के ही है अभी अभी डिएने टेस्ट रिपोर्ट आई है

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

समीर भाई आजकल आप भी ब्लोगिग थिम चेन्ज कर दी है लगता ब्लोगिग पहेलीयो के मार्केट मे आगे तेजी रहेगी ? मै भी सोच रहा हू भाटियाजी के बाद समीरजी आपने भी लाईन मे फेरबदल करने कि सोची है तो कुछ माल मसाल है इसमे। शायद थोडे दिन बाद मेरे गुरुजी शास्त्रीजी का चिठठा सारथी भी ऐसी ही लोकलुभावनी योजना आम जनता को परोसने कि सोच रहे होगे। ताऊ! पहेली मार्केट मे अब विदेशी निवेश भी खुल गऐ है आगे यह क्षैत्र मे कम्पीटिशन रहेगा। पर इसमे मजा भी आऐगा। जन्ग खा रही खोपिडिया को टोनिक जरुर मिलेगा।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

इस त्रिमुख को हम तो न पहचान पाएंगे।

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

lekh men to maza aa gaya samir ji, paheli ke teen logon men photo ka upar ka hissa yani sir, to aapka hai, baki samajh nahin aaya.

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

दिनेशराय अन्कल, लोग कन्फियूजिया गऐ है आपके एवम अनुरागजी के चश्मे एवम बडे बडे नयन तारो को देख। अब भगवन, ज्यादा देर आपके चेहेरे पर नजर लागाऐ बैठे है हम लोग रातको सपने मे भी शायद आपके नयन तारो दुरदर्शी यन्त्र के दर्शन हो। जय हो समीरजी की।

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

समीर भाई, आज रात १२ बजे, क्लु देने वाली पोस्ट कर देना। रामप्यारी की कोई बहन हो तो इस काम मे परर्फेक्टनेश आ जाऐगी। वैसे अन्दर कि बात बता रहा हू रामप्यारी ने एक दो बार ताऊ को धमकी भी ठोक मारी है ज्यादा किट किट किया तो समीर अन्कल के यहॉ चली जाऊगी।

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

तश्तरी जी,
बढ़िया रोचक पोस्ट.
अभी तो पहेली मैं भी पूछता हूँ, तो फर्ज बनता है कि आपकी वाली का भी जवाब दे दिया जाये. एक तो जीडी हैं, और एक हैं अपने मेरठ के अनुराग. बस, दो ही दिख रहे हैं.
एक आप दिख रहे हो, बराबर साइड बार में .

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

इस तरह के किसी त्रिमुखी देव का तो शास्त्रों में भी वर्णन नहीं आता,अगर चतुर्मुखी या पंचमुखी होते तो शायद पहचान भी जाते।

jamos jhalla ने कहा…

achaa vyang hai. magar isme haasya ki maatraa adhik honee chaahhiye .

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

मजा आ गया। क्या भिगो-भिगो के खबर ली है।
(खबर की जगह सही शब्द मारना कुछ अच्छा नहीं लग रहा था)

Udan Tashtari ने कहा…

रामप्यारी ने ताऊलैण्ड से क्लू भेजा है:दो तो हाथी वाले प्रदेश से हैं, एक न्याय की राजधानी और दूसरी उद्योग नगरी.

तीसरे भी है तो राजधानी वाले मगर दूसरे प्रदेश की, क्लू से ही पहचानों, सब शब्दों की माया है.

प्रथम पुरुस्कार विजेता को मिलेगा- अभी कमेटी का निर्णय नहीं हो पाया है, बैठक चल रही है.

Unknown ने कहा…

jiyo prabhu jiyo....kya baat hai?
oye chaa gaye guruuuu
ath se lekar iti tak palak bhi na jhapakne di aapke aalekh ne ....
ajab!
gazab!
anupam!
adbhut!
abhinav aur adwiteey...
MAZA AAGAYA ...LAGE RAHO SARKAR...

मीनाक्षी ने कहा…

तीखा,नुकीला,धारदार व्यंग्य...लेकिन यह इशारा काफी है क्या :)

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

समझ में नहीं आ रहा है .तीर-तुक्का से कोई फायदा नहीं .

संजय तिवारी ने कहा…

सही जबाब:

उपर तो कम बाल वाले-आप याने उड़न तश्तरी

चश्मा: अनूप शुक्ला जी याने फुरसतिया जी

नाक के नीचे: कोई महिला ब्लॉगर हैं. अभी पता करके बताता हूँ. रुके रहियेगा.

समयचक्र ने कहा…

"अरे महाराज, जितना गुगल पर दौड़ रहे हो जबाब ढूंढने, इतने का दस परसेन्ट भी अगर ब्लॉगजगत के बाहर दौड़ लगाई होती तो इतनी सॉलिड और छरहरी बॉडी बन जाती कि खुद का फोटू लगा कर पूछ सकते थे, ’पहचान कौन?’"


शानदार आलेख...

संजय तिवारी ने कहा…

बिल्कुल ही सही जबाब:

उपर तो कम बाल वाले-रेल वाले ज्ञान दत्त जी

चश्मा: शाब्दों का खेल-अजीत वडनेकर जी

नाक के नीचे: डॉक्टर साहेब आदरणीय अनुराग भाई साहेब.

संजय तिवारी ने कहा…

आप पहेली पूछ रहे हैं और वो जो पूछते थे वो कहाँ गये. :)

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

ज्ञानदत्त । अजित वडनेरकर । ड़ा. अनुराग।

बेनामी ने कहा…

आप हमेशा दुखती रग पर हाथ रखते पाये गयें हैं :-)

त्रिमुख में शायद एक वकील, एक डॉक्टर, एक अफसर है या फिर एक ईसा के पूजक?

sandeep sharma ने कहा…

बहुत खूबसूरत खिंचाई की....

वैसे फोटो में बाल शायद आपके ही हैं...
बीच वाला मालूम नहीं...
और नीचे का चेहरा शायद डॉक्टर अनुराग का है...
अगर सही होऊं तो बताइयेगा...

निशांत मिश्र - Nishant Mishra ने कहा…

कमाल है, समीर जी की इस बात - "लेकिन यह आलेख किसी बेनामी की भावनाओं की गिरफ्त में लिखा जा रहा है. अब बूझ के बताओ कि उस बेनामी नें कब और कहाँ ऐसी टिप्पणी की कि इस आलेख का जन्म हुआ." की और किसी का ध्यान ही नहीं गया!

समीर जी, इसके केंद्र में मैं ही हूँ न!?

Udan Tashtari ने कहा…

॒ निशान्त जी

सही कह रहे हैं. केन्द्र बिन्दु या उदगम कहें तो आप ही हैं. :)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

Enjoy your California trip Sameer bhai. Nice article.

दिलीप कवठेकर ने कहा…

अब सभी पहेलीयां पूछने लगेंगे तो जवाब देने के लिये कौन आयेगा.?

मगर है बढिया !!

नीचे अनुराग जी है.

Anil Pusadkar ने कहा…

माथा ज्ञानदत्त जी का,चश्मा आलोक पुराणिक जी का और ठुड्डी डा अनुराग की।अब कोई नया लोचा मत ला देना समीर जी।

गौतम राजऋषि ने कहा…

सरकार आप भी?

उलझ गये हैं....

Abhishek Ojha ने कहा…

ज्ञान दा और डॉक्टर अनुराग को तो हम पहचान गए. अब सबको हमीं पहचानेंगे क्या ? :)

Smart Indian ने कहा…

ऊपर ज्ञानदत्तजी पांडे, नीचे डॉक्टर अनुराग आर्या हैं. बीच वाले ब्लोगर यदि महिला हैं तो अन्तरिक्ष के पार की और यदि पुरुष हैं तो झील के उस पार के हो सकते हैं.

amit ने कहा…

लिखे तो आप हमेशा की तरह चकाचक हैं, अब अपन कौन होते हैं कुछ कहने वाले, अपन तो लेखनी के पंखे हैं! :)


बाकी ये क्या लफ़ड़ा कर डाला, तीन ब्लॉगरों को मिक्स कर डाला!! अपने को न समझ आए कि कौन हैं, टॉप वाला भाग तो ज्ञान जी की फोटू से लिया लग रिया है!!

naresh singh ने कहा…

आज से एक और पहेली वाला ज्ञानी बाबा आ गया । पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी है ।

निर्मला कपिला ने कहा…

समीर जी मुफ्त मे कम्मेन्ट दे देते हैण हम क्या पहेली बूझेन्गे हम तो खुद पहेली बन गये हैम हमारी हर रचना पर लोग पू्छ्ते हैं कि ये आपकी कहानी है भला बताओ आपने मेरि कहानी वीरबहुटी पर पढी नहीं वर्ना पता नहीं आप उसे भी पहेली बना देते शुभकामनायें

Sajal Ehsaas ने कहा…

ek to Anurag Sir hai...shayd Gyandutt Sir bhi hai...

vaise benaami tippani ka koi khaas tuk bantaa bhee nahee...maine shabdo ka safar me dekha ki kaise hungaama hua benamai tippani ko lekar

www.pyasasajal.blogspot.com

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

समीर लाल जी।
आपकी पोस्ट अच्छी लगी, रोचक भी है, परन्तु...
माथापच्ची भी की पर हल नही निकाल पाया।
छोड़ो यारररररररररररर.
इतनी देर में तो 4 रचनाएँ गढ़ लेता।
कुछ व्यस्तताएँ बढ़ गईं थी, इसलिए देर से आपकी पोस्ट तक पहुँच पाया।

मोहन वशिष्‍ठ ने कहा…

सर जी देरी के लिए माफी मेरा जवाब नोट करें
१. ज्ञानजी
२. अजीत वडनेरकर
३. अनुराग आर्य

डा. अमर कुमार ने कहा…

अच्छा मज़मा लगाये पड़े हो, भाई !
हमहूँ कूदि पड़े का ?