बुधवार, अक्तूबर 08, 2008

जा रहे हैं विमोचन में...पढ़ेंगे अपनी कविता

११ अक्टूबर को गीत सम्राट राकेश खण्डेलवाल जी की पुस्तक ’अंधेरी रात का सूरज’ का विमोचन है. हमारे तो खैर वो गुरु जी हैं और हम उनके खास मूँह लगे चेले. न भी बुलाते, तो भी जाते जबरन. मगर पिछले तीन साल से लगातार वो उस कवि सम्मेलन में हमें बुला रहे हैं और हम जा रहे हैं, जिसमें इस साल विमोचन भी होना है. कितना बड़ा सौभाग्य है.

इस बार हम वहाँ तिहरी भूमिका में जा रहे हैं. एक राकेश जी के भक्त शिष्य की, दूसरी शिवना प्रकाशन, सिहोर, जिसने इस पुस्तक का प्रकाशन किया है, उनके प्रतिनिधि के रुप मे और तीसरे हम खुद भी तो कुछ मायने रखते हैं भई.

शिवना प्रकाशन जो हमारे गुरु पंकज सुबीर जी का है, उसके एक विमोचन में मैं सिहोर में था पिछले साल. हटीला जी की पुस्तक ’बंजारे गीत’ का विमोचन था और साथ ही कवि सम्मेलन भी. सारा कार्यक्रम देखा, सुना और सुनाया. बहुत ही सम्मान और अभिनन्दन के साथ होता है विमोचन. बड़ा आनन्द आया था. इस बार उसी परम्परा का निर्वहन मैं करुँगा शिवना के लिए, यह सौभाग्य की बात है. फोटो आदि भी आगे पोस्ट की जायेंगी, मेरे लौटने पर.

यह आय्जन राकेश जी के लिए भावुक क्षण होगा..मेरे लिए भी. अनूप भार्गव जी और उनकी पत्नी रजनी भार्गव न्यू जर्सी से एवं घनश्याम गुप्ता जी जी फिलाडॆफिया से आ रहे हैं इस कार्यक्रम में शिरकत करने. बहुत आनन्ददायी यात्रा रहेगी. ३ घंटे की एक जगह रुकते फ्लाईट है. परसों दोपहर में...निकलेंगे और आनन्द उठायेंगे और आनन्द फैलाना की कोशिश तो खैर रहेगी ही.

राकेश जी के लिए:

हमारे पास तो राकेश जी के हर गीत के लिए एक ही टिप्पणी है: ’अद्भुत’

अब सुनिये पिछली बार इसी जगह हुए कवि सम्मेलन की रिकार्डिंग:




अनेकों शुभकामनाऐं इस कार्यक्रम के लिए. बाकी वहाँ से आकर रिपोर्ट पेश करता हूँ.

This video presentation is courtesy of YouTube. Video Taken By: Sameer Lal. Video camera: SONY Battery used: Nokia Categories: Songs, Movie, Poems Indli - Hindi News, Blogs, Links

77 टिप्‍पणियां:

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

कुछ आनंद
यहां वहां इधर उधर
भी देना टपका
हम लपक लेंगे
अपने मन में।

बधाई
सबको।

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा…

आदरणीय राकेश खंडेलवाल जी को नमन व हार्दिक बधाई। स-शरीर न सही पूरे मन से इस अवसर पर् हम राकेश जी के साथ विमोचन के अवसर पर उपस्थित हैं...

बेनामी ने कहा…

समीर जी, जाइए घूम के आइये, फिर आराम से ब्यौरा दीजियेगा. शुभ यात्रा

पारुल "पुखराज" ने कहा…

shubhkaamnayen...

बेनामी ने कहा…

क्या कहने - अमर, अकबर एंथोनी सब एक साथ।

बेनामी ने कहा…

राकेशजी को बधाई। आप भी टिका लो।

राजेश चौधरी ने कहा…

शुभ यात्रा समीर जी, और कार्यक्रम के लिए शुभकामनाये.

सतीश पंचम ने कहा…

समीरजी, ऐसी आपसी सौहार्द बनाये रखने वाली खबरे जब मिलती हैं तो अच्छा लगता है....यात्रा के लिये शुभकामनाएं। विमोचन हेतु ब्लॉगजगत की ओर से राकेशजी को शुभकामना संदेश लेते जाईयेग।

makrand ने कहा…

sir bahut sunder rachana
kindly read my latest post, if have time
my dustbin is waiting
regards

रंजू भाटिया ने कहा…

बधाई और शुभ कामनाएं

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सबसे पहले तो आपको परिवार सहित दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं ! आप जिस कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे हैं वो सफल और आनंद पूर्वक संपन्न हो एवं लौटकर उसका आनंद हम भी ले सके उसका इंतजाम जल्दी करेंगे ! यही उम्मीद करते हैं !
शुभकामनाएं !

Anil Pusadkar ने कहा…

बधाई हो आपको,राकेश जी,अनूप जी और सभी को ।

भूतनाथ ने कहा…

’अंधेरी रात का सूरज’ के विमोचन समारोह में सफल शिरकत करके , वहाँ के अनुभव हमें भी बताएं ! तब तक प्रतीक्षा करेंगे !
दशहरे की हार्दिक बधाईयाँ !

दीपक "तिवारी साहब" ने कहा…

दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं !

ALOK PURANIK ने कहा…

भई वाह वाह क्या केने केने

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

इंतजार रहेगा, लौटने के बाद, वहां का हाल जानने का।

अजित वडनेरकर ने कहा…

बहुत खूब ...विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा है...

संजय बेंगाणी ने कहा…

गा-बजा कर लौटें और हाल सुनाएं.

डा. अमर कुमार ने कहा…

सबकुछ सफल हो..
ट्रिपल समीरलाल का वज़न इसे यादगार बनाने जा रहा है, यह निश्चित है ।
रात के अँधेरेपन को वह एक नया आयाम देंगे, सूरज की महत्ता को बढ़ायेंगे...
लौट कर कुछ रोशनी हमें भी दिखाइयेगा ।

गौतम राजऋषि ने कहा…

...जे इंतजार है विमोचन की रपट का और तस्वीरों का...

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

vijyadshmi ki hardik shubkamna .

नीरज गोस्वामी ने कहा…

समीर जी...आप विमोचन में जा रहे हैं, बहुत अच्छा काम कर रहे हैं...मेरा भी एक काम कर दीजियेगा...आप से कर बद्ध प्रार्थना है...कहिये तो दंडवत प्रंणाम कर के विनती करूँ....राकेश जी से, एक बार मेरा नाम लेकर हाथ मिलाईयेगा...अपना तो जीवन इसी में धन्य हो जाएगा....और हाँ रिपोर्टिंग ठीक वैसे ही कीजियेगा जैसी मैंने अपने यहाँ की काव्य संध्या पे की थी...या उस से भी बेहतर... शुभकामनाओं के साथ
नीरज

हर्ष प्रसाद ने कहा…

अभी तक सिर्फ़ आपकी टिप्पणियां पढ़ पढ़ कर आनंदित होता था, आज अनायास ही आपके ब्लॉग पर आने का मन हुआ. आज पता चला कि इतने दिनों से मैं अच्छी और सरस भाषा से महरूम रहा. मुबारक हो.

हर्ष प्रसाद ने कहा…

अभी तक सिर्फ़ आपकी टिप्पणियां पढ़ पढ़ कर आनंदित होता था, आज अनायास ही आपके ब्लॉग पर आने का मन हुआ. आज पता चला कि इतने दिनों से मैं अच्छी और सरस भाषा से महरूम रहा. मुबारक हो.

Ashok Pandey ने कहा…

कवि सम्‍मेलन और पुस्‍तक विमोचन कार्यक्रम की रिपोर्ट का इंतजार है। दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

ab aapke lautkar aane ka intzaar hai,yaani un anubhawon ko jaanne ka

दीपक "तिवारी साहब" ने कहा…

दशहरे की हार्दिक बधाई ! यात्रा और लक्ष्य सफल हो ! तिवारी साहब का सलाम !

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

तीर स्नेह-विश्वास का चलायें,
नफरत-हिंसा को मार गिराएँ।
हर्ष-उमंग के फूटें पटाखे,
विजयादशमी कुछ इस तरह मनाएँ।

बुराई पर अच्छाई की विजय के पावन-पर्व पर हम सब मिल कर अपने भीतर के रावण को मार गिरायें और विजयादशमी को सार्थक बनाएं।

L.Goswami ने कहा…

जरुर पढिए कविता .. हमारी टिप्पणी एडवांस में लीजिये "वाह अति सुंदर,भावपूर्ण !!" :-)

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं

एस. बी. सिंह ने कहा…

राकेश जी को शुभकामनाए और आप को शुभयात्रा।

Vinay ने कहा…

ha ha! maze liye jao! vijaydashami kii shubh kaamanayein!

Unknown ने कहा…

राकेश जी को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं...

पंकज सुबीर ने कहा…

आपके दुबले से शरीर पर काफी भार रख दिया है मैंने और अब आज तो सारे ब्‍लाग जगत ने आपको जिम्‍मेदारी दे दी है कि पूरे ब्‍लाग जगत की ओर से आपको राकेश जी को शुभकामनायें देनी हैं ।

नितिन | Nitin Vyas ने कहा…

राकेशजी को बधाई!!
आपकी पुस्तक/ फिल्म कब आ रही है?

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

इस ब्‍लॉग का तो
बनाना ही पड़ेगा क्‍लोन
टिप्‍पणियां ऐसे आती हैं
जैसे बिन मांगा लोन।

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

आपको शुभकामनायें जी। और शुभ ही होगा।

mehek ने कहा…

aapko hardik badhai

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

राकेशजी को बधाई.दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं .

Satish Saxena ने कहा…

विजयादशमी की शुभकामनायें समीर भाई !

Ghost Buster ने कहा…

राकेश जी की कविताओं के तो सभी मुरीद हैं, अद्भूत के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता. पुस्तक विमोचन पर शुभ कामनाएं. आपको भी.

विजयादशमी की शुभकामनाएं.

बेनामी ने कहा…

aapka blog padha ,kafee achha hai ,geetkar par samgree badhiya hai .

Arvind Mishra ने कहा…

शुभकामनाएं !

pallavi trivedi ने कहा…

अच्छी खबर है....जाइए और लौटकर वहाँ का हाल सुनाइये!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

हमारे कविराज राकेश जी को पुस्तक प्रकाशन पर बधाई और आप दोनोँ को विजया दशमी की शुभकामनाएँ भेज रही हूँ ~~~
स स्नेह्,
- लावण्या

कुन्नू सिंह ने कहा…

दशहरे की हारदीक शूभकामनाऎं और ढेर सारी खूशीयां मीलें आपको।

बहुत घूमते हैं :))))))))

_______________
मोबाईल खराब हो गया था ईसलीये नेट नही चला पा रहा था।

कुन्नू सिंह ने कहा…

अंग्रेजी मे लीखे सफेद रंग पर कल एक्सपेरीमेंट कर के बताता हूं।
वैसे तो मैने ईस बारे मे सोचा ही नही था। आप अच्छा सवाल पूछ दीये।

समीर यादव ने कहा…

आपको एवम राकेश जी को बधाई.
विजयादशमी का सत्कार हो और असीम शुभेच्छाएँ.

बेनामी ने कहा…

शुभकानाएं समीरजी।

मीत ने कहा…

हमरी तरफ से भी उन्हें शुभकामनायें दे dijiyega

बेनामी ने कहा…

aapko dashaharaa aur subir ji ki nai pustak ki badhaai yadi unkaa blog yaad ho to pot karen badhaai denaa chahtaa hun

seema gupta ने कहा…

"Rakesh jee ko dil se bhut bhut bdhaee or aapka bhee shukriya advance mey kyonkee aap hume ankhon dekha haal sunane ja rhe hain vapas aaker'

so good luck

regards

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

intazaar us din ka jab aap vimochan ka ankho dekha haal batayenge

Shar ने कहा…

राकेश जी हमारे भी गुरुजी हैं, फर्क इतना है कि हमने अभी हाल ही दाखिला लिया है!
शायद हमें नाम से भी ना पहचाने :)
चलिये अब अनूप जी से और आप से विमोचन की खबर मिलेगी !
हाँ, एक बात बताईये, अगर आप उडन तश्तरी हैं तो फिर फ्लाईट की आवश्यकता क्यों :)

बहुत शुभकामनाएं!

ज़ाकिर हुसैन ने कहा…

चलिए, हमारी तरफ से भी राकेश जी को बधाई दीजियेगा, और आपको शुभ यात्रा

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

वापसी रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहेगी
शुभयात्रा
राकेश जी को हमारी बधाई भी दें

संगीता मनराल ने कहा…

विज और मेरी ओर से भी बधाई राकेश जी को, रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहेगी

मोहन वशिष्‍ठ ने कहा…

समीर जी पहले तो खण्‍डेलवाल जी को बहुत बहुत बधाई आप वहां होकर आओ और सारा वृतांत हमें सुनाना पढाना नहीं और हां याद रखना एक किताब का विमोचन मैं भी कर रहा हूं जल्‍द अभी नाम नहीं बताऊंगा फिर आपको आना पडेगा जरूर कोई बहाना नहीं चलेगा आपको हैप्‍पी जरनी इन एडवांस एंड बेस्‍ट आफ लक

डॉ .अनुराग ने कहा…

हम बहुत लेट हो गये है समीर जी......पर इन दिनों हर जगह उन्ही की चर्चा है अब लगता है इस पुस्तक का जुगाड़ करना ही पड़ेगा ...

सचिन मिश्रा ने कहा…

Bahut-bahut shubhkaamnayen.

सचिन मिश्रा ने कहा…

Hardik shubhkaamnayen.

रविकांत पाण्डेय ने कहा…

राकेश जी को शुभकामनाएँ। इस स्वर्णिम क्षण के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा रहेगी।

Atmaram Sharma ने कहा…

आदरणीय समीर जी,

उचित समझें तो आयोजन की रपट गर्भनाल में प्रकाशित करने के लिए भेजें.

सादर
आत्माराम

जितेन्द़ भगत ने कहा…

उम्‍मीद है,बड़ा आनंद आएगा आपके रि‍पोर्टिंग में। शुभकामनाऍं।

अनुपम अग्रवाल ने कहा…

आदरणीय समीरजी,
जा रहे हैं तो जाइए आप विमोचन में
हाल सब भर के लाइए आप लोचन में
एक बात और --पिछली बार की रिकॉर्डिंग का लिंक नही आ रहा है आपकी पोस्ट पर

rakhshanda ने कहा…

राकेश जी को ढेर साड़ी शुभकामनाये...लौट कर हमें भी इस रौशनी से मुनव्वर कीजियेगा...

मयंक ने कहा…

matlab aap Seehor mein honge ?

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

Bahut acha aapke lotne ka intjar rahega..rakesh ji bahut bahut badhai or aapko bhi...

abhivyakti ने कहा…

subhkamna ke liye sadar dhnyawad.
dr. jaya anand

साधवी ने कहा…

कार्यक्रम के लिए शुभकामनाये.

अभिषेक मिश्र ने कहा…

Badhai aurshubhkaamnayein hamari taraf se bhi.

Manuj Mehta ने कहा…

राकेश जी को बधाई और गुरु पंकज सुबीर जी को नमन
आज कल आप अपनी उड़न तश्तरी का मुंह किस तरफ़ किया उड़ रहे हैं, कभी कभार हमारे ऊपर भी इसकी हवा सरकवा दिया कीजिये.

बेनामी ने कहा…

आप के हरेक लेख को मै हमेशा पढता हूँ. आपके लिखे हुये लेख मुझे बहुत पसन्द हैं.

Abhishek Ojha ने कहा…

ढेर सारी बधाई... बस हम नहीं आ पाये इसका थोड़ा दुःख जरूर है !

PREETI BARTHWAL ने कहा…

हमारी ओर से भी राकेश जी को बहुत बहुत शुभकामनाऐं।

राकेश खंडेलवाल ने कहा…

इतनी सारी शुभकामनायें, इतना अपनापन और बिखरते हुए शब्द हाथ में पकड़े
व्यस्तताओं से जूझता मैं. यद्यपि मेरा प्रयास होता है कि सभी को व्यक्तिगत
तौर पर संदेशों के उत्तर लिखूँ. इस बार ऐसा होना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है
इसलिये सभी को सादर प्रणाम सहित आभार व्यक्त कर रहा हूँ. भाई समीरजी,
पंकज सुबीरजी, सतीश सक्सेनाजी. नीरज गोस्वामी जी, कंचन चौहान जी,
गौतमजी, रविकान्तजी, मीतजी, राजीव रंजन प्रसादजी, पारुलजी संजय पटेलजी.
पुष्पाजी, मोनिकाजी, रमेशजी, रंजनाजी, रंजूजी, सीमाजी,अविनाशजी,फ़ुरसतियाजी,
लवलीजी,अजितजी,योगेन्द्रजी,पल्लवीजी,लावण्यजी,शारजी,संगीताजी,अनुरागजी,मोहनजी,
तथा अन्य सभी मेरे मित्रों और अग्रजों को अपने किंचित शब्द भेंट कर रहा हूँ

मन को विह्वल किया आज अनुराग ने
सनसनी सी शिरा में विचरने लगी
डबडबाई हुई हर्ष अतिरेक से
दॄष्टि में बिजलियाँ सी चमकने लगीं
रोमकूपों में संचार कुछ यूँ हुआ
थरथराने लगा मेरा सारा बदन
शुक्रिया लिख सकूँ, ये न संभव हुआ
लेखनी हाथ में से फ़िसलने लगी

आपने जो लिखा उसको पढ़, सोचता
रह गया भाग्यशाली भला कौन है
आपके मन के आकर निकट है खड़ा
बात करता हुआ, ओढ़ कर मौन है
नाम देखा जो अपना सा मुझको लगा
जो पढ़ा , टूट सारा भरम तब गया
शब्द साधक कोई और है, मैं नहीं
पूर्ण वह, मेरा अस्तित्व तो गौण है

जानता मैं नहीं कौन हूँ मैं, स्वयं
घाटियों में घुली एक आवाज़ हूँ
उंगलिया थक गईं छेड़ते छेड़ते
पर न झंकॄत हुआ, मैं वही साज हूँ
अधखुले होंठ पर जो तड़प, रह गई
अनकही, एक मैं हूँ अधूरी गज़ल
डूब कर भाव में, पार पा न सका
रह गया अनखुला, एक वह राज हूँ

आप हैं ज्योत्सना, वर्त्तिका आप हैं,
मैं तले दीप के एक परछाईं हूँ
घिर रहे थाप के अनवरत शोर में
रह गई मौन जो एक शहनाई हूँ
आप पारस हैं, बस आपके स्पर्श ने
एक पत्थर छुआ और प्रतिमा बनी
आपके स्नेह की गंध की छाँह में
जो सुवासित हुई, मैं वो अरुणाई हूँ.

सादर

राकेश खंडेलवाल

art ने कहा…

हार्दिक शुभकामनाएं